‘बुरे पर अच्छे की जीत होती है’

Edited By ,Updated: 25 Jan, 2021 04:14 AM

good wins over bad

अमरीका के 46वें राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह शानदार रहा। मेरी आंखों से खुशी के आंसू झलक उठे जब मैंने एक देश को फिर से पटरी पर देखा। जिसने धर्म, रंग तथा संस्कृति का इस्तेमाल कर देश को बांटने का काम करने वाले एक मूर्ख व्यक्ति

अमरीका के 46वें राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह शानदार रहा। मेरी आंखों से खुशी के आंसू झलक उठे जब मैंने एक देश को फिर से पटरी पर देखा। जिसने धर्म, रंग तथा संस्कृति का इस्तेमाल कर देश को बांटने का काम करने वाले एक मूर्ख व्यक्ति के जातिवाद समय को देखा था। 

हां, अमरीका ने उस व्यक्ति को सत्ता से उखाड़ फैंका यहां तक कि यह एक बराबर का मुकाबला था। मेरे दिमाग में यह विचार आया कि किस तरह से पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किस तरह लाखों व्यक्तियों को मूर्ख बनाया कि वह एक सही व्यक्ति है। अमरीकी नागरिक जानते थे कि वह एक धोखेबाज, एक व्यभिचारी, एक झूठा तथा एक मानसिक समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति था। वे जानते थे कि लोगों में अपनी कमजोरियां भी हैं। उनकी गहरी चमड़ी के भीतर धर्मनिरपेक्षता तथा रंगीन लोगों के लिए नफरत थी। 

ईसाई धर्म के नीचे अन्यों के लिए नापसंदगी थी जो परमेश्वर को एक अलग आकार में पूजते हैं। वह गरीब तथा जरूरतमंदों की मदद करने में विश्वास नहीं रखता था और उसने ऐसी संवेदनाओं का अनुचित लाभ उठाया। कैपिटोल बिल्डिंग के बाहर जिन लोगों ने दंगे किए वे शैतान नहीं थे बल्कि वे तो अच्छे लोग थे जिन्हें एक शैतान व्यक्ति ने मूर्ख बनाया। दुख की बात यह है कि ऐसा हर क्षेत्र में हो रहा है। अन्य धर्म को मानने वालों को पीट-पीट कर मारने वाले लोग बुरे व्यक्ति नहीं हैं। वे तो अच्छे लोग हैं जिन्हें उन व्यक्तियों द्वारा गलत विचारों की खुराक दी जाती है जो ध्रुवीकरण तथा बंटवारे के माध्यम से सत्ता पा लेते हैं। 

उसी कैपिटोल की प्राचीर से शानदार शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ जिसने 2 सप्ताह पहले दंगे देखे थे मगर इस समय यह दंगाई नहीं थे जिन्होंने हाथापाई की बल्कि एक लोकतंत्र था और लोकतंत्र अपने रंगों में दिखा। एक कैथोलिक राष्ट्रपति, एक महिला उप राष्ट्रपति जिनके पिता एक अफ्रीकी-अमरीकी तथा माता एक भारतीय है, ने एक लैटिनो जज के द्वारा शपथ ग्रहण की। प्यूर्टो रिकन माता-पिता से जन्मी एक महिला ने ‘दिस लैंड इज यूअर लैंड’ गाया। शानदार, सशक्त तथा गहरे भाषण को एक भारतीय ने लिखा। अमरीकियों ने विश्व को दिखा दिया कि बुरे पर अच्छे की जीत होती है। ध्रुवीकरण के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष जीत सकता है। 

हार में कू क्लक्स क्लान का सिर झुक गया। ऐसा वंश हर जगह अपना सिर उठाता है। इसने जर्मनी में अपना सिर उठाया और अपने आपको नाजी कहलवाया। इन लोगों ने अपने आपको एक बेहतर जाति माना और 60 लाख यहूदियों का विनाश कर डाला। इस तरह विश्व के अन्य भाग में एक विशेष जाति या फिर एक विशेष धर्म जोकि ट्रम्प के ही दोस्त हैं पूरे देश को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं और उनका कहना है कि ‘यह राष्ट्र हमारा है’। मगर वाशिंगटन में एक शानदार शपथ ग्रहण समारोह देखा गया जिसने पूरे विश्व को बता दिया कि सच्ची एकता विविधता में देखी जाती है। विश्व ने सच्चाई को देखा और व्हाइट हाऊस की रंगीन खुशी को एक-दूसरे से बांटा।-दूर की कौड़ी राबर्ट क्लीमैंट्स
 

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