Edited By ,Updated: 10 Jun, 2025 10:40 AM
लोकतंत्रों वंचितों और अल्पवंचितों तक सेवाओं और सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में उच्च मानकों पर खरे उतरें। भारत में यह कसौटी और भी कठोर है। कोई भी नारा बिना उद्देश्य के और कोई भी दावा बिना परिणाम के नहीं टिकता। वास्तविक बदलाव का फायदा समाज के...
नेशनल डेस्क: लोकतंत्रों वंचितों और अल्पवंचितों तक सेवाओं और सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में उच्च मानकों पर खरे उतरें। भारत में यह कसौटी और भी कठोर है। कोई भी नारा बिना उद्देश्य के और कोई भी दावा बिना परिणाम के नहीं टिकता। वास्तविक बदलाव का फायदा समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए, क्योंकि हमारे लोकतंत्र में, अंत्योदय (समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान) के लिए वोट किया जाता है। यही कारण है कि मोदी 3.0 के एक वर्ष में, दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में मिले शानदार जनादेश केवल राजनीतिक उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि आज के भारत में, बयानबाजी नहीं, बल्कि काम करके भरोसा जीता जाता है।
अंत्योदय के माध्यम से सर्वोदय के दर्शन पर आधारित कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि देश के विकास में कोई भी भारतीय पीछे न छूट जाए। 25 करोड़ से अधिक लोगों को कई तरह की गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी.एम. किसान) के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.68 लाख करोड़ से अधिक वितरित किए गए हैं। लखपति दीदी पहल ने एक करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को सालाना 1 लाख से अधिक आय प्राप्त करने का अधिकार दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 3 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है।
जल जीवन मिशन के तहत 15.44 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनैक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का निःशुल्क स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ए.बी. पी.एम. जे.ए.वाई.) का विस्तार किया गया है, चाहे उनकी आय कुछ भी हो। इससे लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें व्यापक स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा, इस योजना का विस्तार करके अग्रिम पंक्ति के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी इसमें शामिल किया गया। ये चौंका देने वाले आंकड़े केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि लाखों भारतीय घरों में बदलाव की कहानियां हैं।
आतंकवादियों के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति से संबंधित प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पहलगाम हमले के बाद त्वरित प्रतिक्रिया में स्पष्ट थी, जहां आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया था। देश ने नुकसान पर शोक व्यक्त किया, लेकिन एकजुट होकर आप्रेशन सिंदूर को सटीकता और दबदबे के साथ अंजाम दिया, जिससे उसके आतंकवाद से लड़ने और अपने नागरिकों की रक्षा करने के संकल्प की पुष्टि हुई। दुनिया ने प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व द्वारा समर्थित भारतीय रक्षा बलों की तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता देखी है।
ड्रोन और उसके कलपुर्जी के लिए दो विशेष पी.एल.आई. योजनाओं की शुरूआत से अगली पीढ़ी के नवाचार को और भी बढ़ावा मिला है। आज, भारत द्वारा डिजाइन की गई मिसाइल प्रणाली, बख्तरबंद वाहन और नौसैनिक प्लेटफॉर्म न केवल हमारी सेनाओं में तैनात हैं, बल्कि 80 से अधिक देशों को निर्यात किए गए हैं। इससे ऐसे समय में क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत की छवि मजबूत हुई है, जब विश्वसनीय रक्षा भागीदारों पर वैश्विक भरोसा बहुत अधिक है।
विनिर्माण इसी नजरिए के केंद्र में है। भारत बड़े निवेश और सरकारी प्रोत्साहनों के कारण सैमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। टाटा इलैक्ट्रॉनिक्स असम में 27,000 करोड़ के निवेश से सैमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण संयंत्र बना रहा है, जिसके 2025 के मध्य तक परिचालन में आने और लगभग 27,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। इस बीच, एच.सी.एल. और फॉक्सकॉन का 3,706 करोड़ का संयुक्त उद्यम उत्तर प्रदेश के जेवर में एक सैमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए तैयार है, जो डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स पर ध्यान केंद्रित करेगी और इसका उत्पादन 2027 में शुरू होगा।
भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है, जिसमें 1.57 लाख से ज्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। इनमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न और 3,600 से ज्यादा डीप टेक बैंचर शामिल हैं जो ए.आई., बायोटैक और सैमीकंडक्टर पर केंद्रित हैं। अकेले हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से ज्यादा स्टार्टअप सामने आए हैं, जो एक भरोसेमंद इनोवेशन अर्थव्यवस्था के उदय का संकेत है।
स्टार्टअप ईकोसिस्टम ने पहले ही 17.2 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष रोजगार पैदा किए हैं और समस्या-समाधानकर्ताओं (प्रॉब्लम सॅाल्वर्स) एवं उघमियों की एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। मोदी 3.0 के एक साल पूरे होने पर, बदलाव स्पष्ट नजर आ रहा है। सड़कें, कारखाने और सौर पैनल सिर्फ प्रगति के संकेत नहीं हैं, बल्कि वे आकांक्षाओं की नींव हैं। आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक सहित हर क्षेत्र में भारत राष्ट्रीय स्तर पर नवीनीकरण का एक नया अध्याय लिख रहा है।