ओसामा बिन लादेन, इमरान खान का नया ‘हीरो’

Edited By ,Updated: 03 Jul, 2020 04:06 AM

osama bin laden imran khan s new hero

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमरीका में 9/11 हमलों के मास्टर माइंड, अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के रूप में एक नया  ‘हीरो’ ढूंढ लिया है। उन्होंने संसद को बताया कि आतंकवाद के मास्टर माइंड को उस समय ‘शहीद’ किया गया जब अमरीका के स्पैशल...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमरीका में 9/11 हमलों के मास्टर माइंड, अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के रूप में एक नया  ‘हीरो’ ढूंढ लिया है। उन्होंने संसद को बताया कि आतंकवाद के मास्टर माइंड को उस समय ‘शहीद’ किया गया जब अमरीका के स्पैशल आप्रेशन्स के तहत 2 मई 2011 को सैन्य शहर ऐबटाबाद में धावा बोला गया, जिसमें बिन लादेन तथा उसके करीबी सहयोगियों को मार दिया गया। 

पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान ने दावा किया कि ‘‘हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमरीका का साथ दिया लेकिन वे आए और ओसामा को मार दिया, उसे शहीद कर दिया और हमारे खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया तथा हमें (रेड बारे) जानकारी नहीं दी, इस तथ्य के बावजूद कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 70 हजार लोग गंवा चुके हैं।’’

पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक सैन्य अधिष्ठान की नजरों में खुद को महिमामंडित करने के प्रयास में इमरान खान ने कुछ तथ्यों को बिगाड़ कर पेश किया। उन्होंने संसद को नहीं बताया कि इस्लामाबाद गुपचुप तरीके से ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को छुपाए हुए था। हालांकि वाशिंगटन का खुफिया नैटवर्क उसके छिपने के ठिकाने को खोजने में सफल रहा और विश्व के सबसे दुर्दांत आतंकवादी को मारने के लिए एक बहुत बढिय़ा कार्रवाई को अंजाम दिया। इमरान खान ने अलकायदा के आतंकवादी संगठनों द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों की हत्याओं के बारे में भी अपने सांसदों के साथ जानकारी साझा नहीं की। 

मुझे कोई समस्या नहीं है कि इमरान खान अपना खुद का ‘आतंक गुरु’ खोज सकते थे। यह उनकी नई आतंकवाद समर्थक मानसिकता के बारे में बताता है। यह समझ में आता है क्योंकि पाकिस्तान सक्रिय रूप से आई.एस.आई. प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। यह बड़े दुख की बात है कि विभिन्न पाकिस्तानी शासकों द्वारा आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के दशकों बाद भी इमरान खान को यह एहसास नहीं हो रहा कि ङ्क्षहसा तथा आतंकवाद का कोई दूरगामी परिणाम नहीं निकलता। 

दरअसल निर्दोष कश्मीरियों का नरसंहार कुरान की मूलभूत शिक्षाओं के खिलाफ है। जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए अपने नाना के शरीर पर बैठे बच्चे का नवीनतम चित्र कश्मीर में खूंखार आतंकवाद की  मर्मस्पर्शी कहानी बताता है। इतना ही अफसोसनाक यह है कि इस्लामिक मान्यताओं के तथाकथित रखवाले शायद ही कभी उन प्रथाओं की परवाह करते हैं जो पवित्र पुस्तक उन्हें बताती है। वे इस्लाम के नाम पर अपनी मामूली राजनीतिक खेलों में संलग्र हैं। पश्चिम एशिया तथा उससे आगे अधिकांश मुसलमान नेता अपने पीछे आतंकवादी संगठनों को नहीं देखना चाहते। इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) बहुत स्पष्ट है। ऐसा ही सऊदी अरब के साथ भी है। बेशक वे मदरसों के नैटवर्क का वित्त पोषण करके इस्लाम का प्रसार करने में सक्रिय हैं लेकिन जब उनके क्षेत्रों में अस्थिरतावादी ताकतों तथा आतंकवाद की बात आती है तो वे पूर्णत: करुणाशून्य हैं।

दरअसल वे शायद ही अपने बीच एक भी आतंकवादी को देखना सहन करते हों। कोई हैरानी की बात नहीं कि सऊदी अरबपति कट्टरपंथी ओसामा बिन लादेन के पास पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियां संचालित करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। कैसा विरोधाभास है! इमरान खान यह समझने के लिए मध्यपूर्व का इतिहास पढ़ कर अच्छा करते कि आतंकवाद एक दोधारी हथियार है। दीर्घकाल में यह इसको बढ़ावा देने वाले को ही खा जाता है। ऐसा दिखाई देता है कि सार्वजनिक रूप से ओसामा बिन लादेन की प्रशंसा करके पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट कप्तान खुद अपने आतंकी जाल में फंस गए हैं। 

एक नए उभरते वैश्विक नेता से मुझे आशा थी कि इमरान खान दीवार पर लिखा पढ़ेंगे और सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने से बचेंगे और उसे रोकेंगे। वास्तव में सीमा पर आतंकवाद भारत तथा पाकिस्तान के बीच केंद्रीय मुद्दा है जबकि कश्मीर नहीं। उन्हें इस मामले को सही परिप्रेक्ष्य में देखने तथा इस तथ्य की प्रशंसा करने की जरूरत है कि आतंकवादियों ने न केवल कश्मीर में बल्कि उप महाद्वीप के अन्य हिस्सों में भी सामान्य जन-जीवन को तहस नहस करके रख दिया है। आगे देखें तो नई दिल्ली को आतंकवादी समूहों की सहायता करने वाली शक्तियों पर पूरा ध्यान देने तथा उनसे निपटने के लिए एक रणनीति बनाने की जरूरत है अन्यथा हम सीमा पार से मुक्त रूप से सक्रिय विभिन्न आतंकवादी समूहों तथा इस्लामिक कट्टरवादियों के खिलाफ एक हारी हुई लड़ाई लड़ते रह जाएंगे। 

नवीनतम रिपोर्ट्स बताती हैं कि पश्चिमी कश्मीर में 29 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं जहां पर गत कुछ महीनों से बड़ी आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयां की गई हैं। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के अनुसार घाटी में 113 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या अधिक है। उनका कहना है कि ‘‘हमने उत्तरी कश्मीर में भी सफलतापूर्वक कार्रवाइयां शुरू कर दी हैं।’’इस संदर्भ में मैं चाहूंगा कि भारतीय अधिकारी आंतरिक तथा बाहरी खुफिया सूचनाएं एकत्र करने वाले नैटवक्र्स को और मजबूत बनाएं। 

जरूरत है एक स्पष्ट समझ की कि इमरान खान का पाकिस्तान क्या ऐसा करता है? और कब करेगा? इस उद्देश्य के लिए साऊथ ब्लाक को अपनी विदेश नीति के व्यवहार में तदर्थवाद को छोड़ देना चाहिए। इसे लद्दाख में चीन के कारक को ध्यान में रखते हुए ताजा अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक नीतियां तथा रणनीतियां तैयार करनी चाहिएं। भारत एक प्रमुख शक्ति है, इसलिए इसे राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए घटनाक्रमों में तेजी लानी चाहिए यह तभी संभव है यदि भारतीय नीति निर्माता पाकिस्तान तथा चीन दोनों के साथ निर्णायक तौर पर निपटने के लिए समन्वित रणनीतियां तथा कार्य योजना तैयार करें।-हरि जयसिंह
 

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!