Edited By ,Updated: 28 May, 2023 06:12 AM
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई, 2023 को एक दंपति के बीच वैवाहिक विवाद के मामले की सुनवाई करते हुए प्रेम विवाह और तलाक को लेकर बड़ी टिप्पणी की। माननीय अदालत ने कहा कि तलाक के ज्यादातर मामले लव मैरिज में सामने आ रहे हैं। s for the failure of love marriage
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई, 2023 को एक दंपति के बीच वैवाहिक विवाद के मामले की सुनवाई करते हुए प्रेम विवाह और तलाक को लेकर बड़ी टिप्पणी की। माननीय अदालत ने कहा कि तलाक के ज्यादातर मामले लव मैरिज में सामने आ रहे हैं।
लव, प्यार, प्रेम आदि शब्दों को सटीक तरीके से परिभाषित करना कठिन है, फिर भी यह एक अहसास है, जो दिमाग से नहीं, दिल से होता है और इसमें अनेक भावनाओं व अलग-अलग विचारों का समावेश होता है। अक्सर कामदेव के बाणों के शिकार जोड़े इसके क्लाइमैक्स में लव मैरिज कर लेते हैं, जिसे कोई बुरी बात नहीं कहा जा सकता। लव मैरिज का मतलब होता है कि आप खुद की पसंद से शादी कर रहे हैं। इसमें यह खास होता है कि आप एक-दूसरे की पसंद-नापसंद पहले से ही जानते होंगे। लव मैरिज क्यों जल्दी टूटती है, इसके कई कारण हैं। सबसे पहले तो एक-दूसरे से उम्मीदों का बोझ लव मैरिज में कहीं ज्यादा होता है और इसलिए अरेंज मैरिज की तुलना में लव मैरिज आसानी से टूट जाती है। अरेंज मैरिज में इन सभी चीजों की दिक्कत नहीं आती।
प्रेम में पागल जोड़े कई बार एक- दूसरे की आदतों को नहीं समझते और जल्दबाजी में शादी करने का फैसला कर लेते हैं। ऐसे में भी शादी के कुछ ही दिन में प्यार का जुनून उतरने पर उनका रिश्ता भी टूट जाता है। उन्हें लगता है कि पहले चीजें अलग थीं और अब सब बदल गया है। इसके बाद उनके बीच की दूरियां बढ़ती चली जाती हैं। शादी से पहले एक-दूसरे का व्यवहार और अन्य कई चीजें अच्छी लगती हैं लेकिन शादी के कुछ ही दिन बाद दोनों एक-दूसरे में कमियां ढूंढने लगते हैं। एक-दूसरे की आदतें बदलने की बातें शुरू कर देते हैं। यही रोक-टोक और बदलाव की इच्छा धीरे-धीरे लड़ाई का कारण बनती है।
लव मैरिज की नींद से जागने के बाद ज्यादातर कपल्स शादी के बाद एक-दूसरे को महत्व देना छोड़ देते हैं। इस तरह की स्थिति रिश्ते को सिर्फ तोडऩे का काम करती है न कि जोडऩे का। पार्टनर अपनी निजी राय को हमेशा सही मानते हैं और अपने पार्टनर की बात को गलत ठहराकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे रिश्ते बिगडऩे शुरू हो जाते हैं। नवविवाहित जोड़े जिन्दगी की समस्याओं का सामना करने के लिए मानसिक तौर पर परिपक्व नहीं होते, इससे उनकी लाइफ का बैलेंस बिगड़ जाता है।
कई बार तो लव मैरिज के लिए घर वाले तैयार नहीं होते। ऐसे में लड़का-लड़की खुद ही शादी करने का फैसला कर लेते हैं। इस स्थिति में जिंदगी की राह पर अकेले ही उन्हें चलना पड़ता है, आपके साथ आपके बड़े नहीं होते। ऐसा अरेंज मैरिज में नहीं होता क्योंकि वहां पसंद घर वालों की होती है। उनकी मर्जी से शादी तय की जाती है। लव मैरिज में आप जिसकी खातिर अपने घर-परिवार को छोड़कर घर बसाने का फैसला करते हैं, जब वही इंसान घर वापसी के नाम पर धोखा देने लगता है, तो दिल को बहुत दर्द होता है। लव मैरिज में धार्मिक और कानूनी स्वीकृति का अभाव टूट का कारण बन रहा है, शायद इसी को सच मानते हुए व्यवस्था भी शादी को तोडऩे के नियमों को लेकर लचीला रुख अख्तियार करती जा रही है।
शादीशुदा रिश्ते की मर्यादा भारतीय संस्कृति का अक्स है। लव मैरिज हो या अरेंज्ड, समाज और सभी तरह से बंधन में बंधे शादीशुदा जोड़ों के लिए मशविरा होगा कि शादी 2 दिलों का बंधन है। इस रिश्ते में जितना ज्यादा प्यार, एक-दूसरे के प्रति इज्जत, सम्मान, समझदारी, एक-दूसरे के परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम, इज्जत की भावना बनी रहेगी, उतना ही यह रिश्ता और गहरा होता चला जाता है। यह सोच लव मैरिज को भी टूटने से रोक सकती है।-डा. वरिन्द्र भाटिया