Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jul, 2021 01:50 PM

सरकार ने भारती एयरटेल, टाटा कम्युनिकेशंस, रेलटेल कॉर्प, रिलायंस कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, स्विसफोन इंडिया और सिफी टेक्नोलॉजीज सहित 34 कंपनियों को इंटरनेट सेवा लाइसेंस मानदंडों का उल्लंघन करते पाया है। बृहस्पतिवार को संसद को यह
बिजनेस डेस्कः सरकार ने भारती एयरटेल, टाटा कम्युनिकेशंस, रेलटेल कॉर्प, रिलायंस कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, स्विसफोन इंडिया और सिफी टेक्नोलॉजीज सहित 34 कंपनियों को इंटरनेट सेवा लाइसेंस मानदंडों का उल्लंघन करते पाया है। बृहस्पतिवार को संसद को यह जानकारी दी गई। दूरसंचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान द्वारा साझा की गई उल्लंघनकर्ताओं की सूची में सी-डैक नोएडा, आइसनेट नेट, कप्पा इंटरनेट सर्विसेज, नोएडा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और वर्ल्ड गेट नेटवर्क शामिल हैं।
चौहान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, ‘‘कंपनियों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 4 के तहत लाइसेंस प्रदान किया जाता है। लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन करते हुए सूचीबद्ध आईएसपी लाइसेंसधारियों को ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करते पाया गया ऐसे लाइसेंसधारी पर उचित वित्तीय जुर्माना लगाया गया है।''
सरकार ने पाया है कि भारती एयरटेल, नोएडा में सी-डैक, रेलटेल कॉर्प ऑफ इंडिया, रिलायंस कम्युनिकेशंस इंफ्रास्ट्रक्चर, टाटा कम्युनिकेशंस, प्राइमनेट ग्लोबल, माई-नेट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और कुछ अन्य सेवा प्रदाताओं के इंटरनेट कनेक्टिविटी के प्रावधान के परिणामस्वरूप अनधिकृत इंटरनेट सेवाओं का पुनर्विक्रय हो रहा है। दो कंपनियों- वर्ल्ड गेट नेटवर्क्स और ई-कॉम अपॉर्चुनिटीज- के पास ‘विदेशी उपग्रहों का उपयोग करते हुए अनधिकृत इंटरनेट गेटवे' है।