Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Apr, 2025 04:40 PM

अमरीका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर अब एविएशन सैक्टर तक पहुंच चुकी है। चीन ने अमरीकी विमान बनाने वाली बोइंग कंपनी के विमानों की डिलीवरी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही चीनी एयरलाइनों को निर्देश दिया गया है कि वे अमरीका से एयरक्राफ्ट उपकरण...
बिजनेस डेस्कः अमरीका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर अब एविएशन सैक्टर तक पहुंच चुकी है। चीन ने अमरीकी विमान बनाने वाली बोइंग कंपनी के विमानों की डिलीवरी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही चीनी एयरलाइनों को निर्देश दिया गया है कि वे अमरीका से एयरक्राफ्ट उपकरण और पार्ट्स की खरीद भी रोक दें।
ये आदेश हाल ही में चीन द्वारा अमरीकी सामान पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद दिए गए हैं। जिन विमानों के कागजात और भुगतान पहले हो चुके हैं, उन्हें केस-बाय-केस आधार पर मंजूरी मिल सकती है। चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एविएशन बाजार है। अगले 20 वर्षों में ग्लोबल एयरक्राफ्ट डिमांड में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की होगी। 2018 में बोइंग के कुल विमानों में से 25 प्रतिशत से ज्यादा चीन को सप्लाई किए गए थे, लेकिन 2019 में 2 क्रैश के बाद चीन ने सबसे पहले बोइंग 737 मैक्स को ग्राऊंड किया था।
उत्पादन और डिलीवरी पर असर
अभी करीब 10 बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ्ट चीनी एयरलाइनों के लिए तैयार हैं। इनमें से कुछ विमानों को अमरीका के सिएटल और चीन के झोशान शहर में फिनिशिंग के लिए रखा गया है। चीन के इस आदेश से बोइंग के उत्पादन और डिलीवरी पर असर पड़ेगा।
चीन सरकार उन एयरलाइनों की मदद करने की सोच रही है जिन्होंने बोइंग जैट लीज पर लिए हैं, ताकि उनकी लागत कुछ कम हो सके। फिलहाल बोइंग और संबंधित चीनी एयरलाइनों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।