Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jul, 2025 05:07 PM

देशभर में मजदूरों के अधिकारों और केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। इसी के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल को अब मजदूर संगठनों के साथ-साथ किसान संगठनों और...
बिजनेस डेस्कः देशभर में मजदूरों के अधिकारों और केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। इसी के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल को अब मजदूर संगठनों के साथ-साथ किसान संगठनों और महागठबंधन के कई दलों का भी समर्थन मिल रहा है। ताज़ा जानकारी के अनुसार, बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की बात कही है, जिससे 9 जुलाई, बुधवार को बैंकिंग सेवाएं बाधित होने की आशंका जताई जा रही है। इस हड़ताल बीमा क्षेत्र के कर्मचारी भी जुड़ने वाले हैं।
बैंक यूनियन भी शामिल होगी हड़ताल में
बंगाल प्रोविंशियल बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (BPBEA), जो ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) से संबद्ध है, ने पुष्टि की है कि बैंकिंग क्षेत्र के कई प्रमुख यूनियन जैसे AIBEA, AIBOA और BEFI इस हड़ताल में भाग लेंगे।
बीमा सेक्टर भी हड़ताल के समर्थन में
एशोसिएशन के अनुसार, बीमा क्षेत्र के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे। बैंक और बीमा क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों ने दावा किया है कि यह हड़ताल व्यापक होगी और इसका असर देशभर में देखने को मिलेगा।
15 करोड़ से अधिक कर्मचारी होंगे शामिल
बैंक यूनियन की ओर से दावा किया गया है कि इस आम हड़ताल में 15 करोड़ से अधिक कर्मचारी भाग ले सकते हैं। उनका कहना है कि वे केंद्र सरकार की “प्रो-कॉर्पोरेट और एंटी-लेबर” नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे। यूनियनों का आरोप है कि सरकार की नीतियां मजदूरों और कर्मचारियों के हक़ के खिलाफ हैं और केवल कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं।