Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2022 04:22 PM
इस त्योहारों के सीजन में आपको महंगे पेट्रोल-डीजल से बड़ी राहत मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल पहली बार 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा पहुंचा है। जनवरी, 2022 के बाद कच्चे तेल के दामों में ये सबसे बड़ी गिरावट है। वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट...
बिजनेस डेस्कः इस त्योहारों के सीजन में आपको महंगे पेट्रोल-डीजल से बड़ी राहत मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल पहली बार 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा पहुंचा है। जनवरी, 2022 के बाद कच्चे तेल के दामों में ये सबसे बड़ी गिरावट है। वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा लुढ़का है और फिलहाल 78.29 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 84.40 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है जो 24 जनवरी, 2022 के बाद सबसे निचला स्तर है। डॉलर की मजबूती और वैश्विक मांग में कमी के कारण कच्चे तेल के दामों में ये गिरावट आई है। भारत अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चा तेल खरीदता है और भारत के लिए भी कच्चा तेल खरीदना सस्ता हुआ है। इंडियन बास्केट प्राइस 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा है।
आ सकती है दामों में गिरावट
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मंडरा रहा है। कमरतोड़ महंगाई के मद्देनजर वहां की सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व लोगों की खरीदारी क्षमता को घटाने के लिए लगातार कर्ज महंगा करता जा रहा है और ये सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है जिसके चलते दुनियाभर के निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। ऐसे में कच्चा तेल समेत सभी कमोडिटी के दामों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। अमेरिकी यूरोप में मंदी और चीन में मांग घटने के आसार के चलते कच्चे तेल के दामों में ये गिरावट देखने को मिली है।
माना जा रहा कि कच्चे तेल के दामों में गिरावट का ये सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। कच्चे तेल के दामों में आई इस गिरावट से भारत को बड़ी राहत मिल सकती है जो अपने कुल खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। कच्चे तेल के दामों में गिरावट से डॉलर की मांग घटेगी तो इससे रुपए को भी मजबूती मिलेगी। इससे पहले मूडीज एनालटिक्स भी भविष्यवाणी कर चुका है कि कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है।