Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Oct, 2025 05:54 PM

शेयर बाजार में तेजी के बावजूद करेंसी मार्केट में सोमवार को रुपया बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 43 पैसे फिसलकर ₹88.26 प्रति डॉलर (अनंतिम) पर बंद हुआ। इसकी मुख्य वजह कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और महीने के अंत में...
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में तेजी के बावजूद करेंसी मार्केट में सोमवार को रुपया बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 43 पैसे फिसलकर ₹88.26 प्रति डॉलर (अनंतिम) पर बंद हुआ। इसकी मुख्य वजह कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और महीने के अंत में इंपोर्टर्स की ओर से डॉलर की बढ़ती मांग बताई जा रही है।
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 87.87 पर खुला और दिनभर के कारोबार में 88.31 के निचले स्तर तक गिरा। शुक्रवार को यह 87.83 पर बंद हुआ था।
फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता को लेकर बढ़ती उम्मीदों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई, जिससे डॉलर मजबूत हुआ और रुपया दबाव में आया। इस बीच, डॉलर इंडेक्स 0.08% गिरकर 98.86 पर था, जबकि ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.85% की गिरावट के साथ 65.39 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था।
शेयर बाजार में मजबूती रही सेंसेक्स 566 अंक उछलकर 84,778 पर, और निफ्टी 171 अंक बढ़कर 25,966 पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को ₹621 करोड़ के शेयर खरीदे, जबकि आरबीआई के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर $702.28 अरब डॉलर हो गया है।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि आने वाले दिनों में मजबूत घरेलू बाजार और भू-राजनीतिक तनावों में कमी से रुपए को सहारा मिल सकता है लेकिन कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और डॉलर डिमांड इसकी तेजी को सीमित कर सकती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि रुपया निकट अवधि में 87.80 से 88.50 के दायरे में रह सकता है।