Edited By vasudha,Updated: 14 May, 2020 05:59 PM
कोरोना वायरस ‘कोविड-19'' से तबाह विमान सेवा कंपनियों को अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए तीन साल में 350 करोड़ रुपये अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। घरेलू साख निर्धारक कंपनी इक्रा की आज जारी रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू विमान सेवा कंपनियों एयर इंडिया,...
बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस ‘कोविड-19' से तबाह विमान सेवा कंपनियों को अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए तीन साल में 350 करोड़ रुपये अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। घरेलू साख निर्धारक कंपनी इक्रा की आज जारी रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू विमान सेवा कंपनियों एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा, गोएयर और एयर एशिया इंडिया को उड़ानों पर प्रतिबंध तथा कोविड-19 से संबंधित अन्य कारणों से चालू वित्त वर्ष में हवाई यात्रियों की संख्या 44 प्रतिशत घट जायेगी।
घरेलू यात्रियों की संख्या में 41 से 46 फीसदी तथा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 67 से 72 प्रतिशत की गिरावट रहने की आशंका है। इससे उनके राजस्व में 35 से 42 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इक्रा के उपाध्यक्ष किंजल शाह ने कहा कि विमान सेवा कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान रोजाना 75 से 90 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के बाद भी मांग कम रहेगी। इसे ध्यान में रखते हुये वित्त वर्ष 2020-21 से 2022-23 के बीच इन एयरलाइंस को 325 से 350 अरब रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। अगले वित्त वर्ष में इनका ऋण बढ़कर 465 अरब रुपये पर पहुंच सकता है।
इक्रा का कहना है कि कुछ विमान सेवा कंपनियों की वित्तीय स्थिति अच्छी है या उनकी प्रवर्तक कंपनियां पैसा लगा सकती हैं, लेकिन कुछ अन्य कंपनियां पहले से दबाव में हैं। जिनकी वित्तीय स्थिति अच्छी थी लॉकडाउन के कारण उनके समक्ष भी नकदी का संकट पैदा हो गया है। कई एयरलाइन ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है। साथ ही उन्होंने कर्मचारियों बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेजा है। लागत कम करने के लिए पायलटों और केबिन क्रू की छंटनी भी शुरू हो गयी है। जब तक नकदी आनी शुरू नहीं होती उन्हें वित्तीय मदद की जरूरत होगी।