बढ़ने लगे रोजगार, जून में EPFO से जुड़े 6.55 लाख कर्मचारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Aug, 2020 10:32 AM

epfo had 6 55 lakh new registrations in june 1 72 lakh in may

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने संगठित क्षेत्र में रोजगार की तस्वीर बताने वाले आंकड़े जारी किए हैं। इसके तहत उसके पास जून में नए पंजीकरण शुद्ध रूप से बढ़कर 6.55 लाख तक पहुंच गए जबकि इस साल मई में यह संख्या 1.72 लाख ही रही थी।

नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने संगठित क्षेत्र में रोजगार की तस्वीर बताने वाले आंकड़े जारी किए हैं। इसके तहत उसके पास जून में नए पंजीकरण शुद्ध रूप से बढ़कर 6.55 लाख तक पहुंच गए जबकि इस साल मई में यह संख्या 1.72 लाख ही रही थी। 

ईपीएफओ के नियमित वेतन रजिस्टर यानी ‘पेरोल' आधारित इन ताजा आंकड़े से कोविड- 19 संकट के मौजूदा दौर में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति का संकेत मिलता है। पिछले महीने जारी अस्थायी ‘पेरोल' आंकड़े में मई में शुद्ध रूप से 3.18 लाख लोगों के पंजीकरण की बात कही गई थी। इसे अब संशोधित कर 1,72,174 कर दिया गया है। 

यह भी पढ़ें- अब अपनी सभी प्रॉपर्टी पर रेलवे रखेगा 'तीसरी आंख' से नजर

ईपीएफओ के मई में जारी आंकड़े के अनुसार नए पंजीकरण की संख्या मार्च, 2020 में घटकर 5.72 लाख पर आ गई जो फरवरी में 10.21 लाख थी। इस बीच, श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या 2020-21 की पहली तिमाही में करीब 8.47 लाख बढ़ी है। बृहस्पतिवार को जारी ताजा आंकड़े के अनुसार अप्रैल में नए पंजीकरण केवल 20,164 रहे जबकि जुलाई में जारी अस्थायी आंकड़े में यह संख्या एक लाख थी। शुद्ध रूप से ईपीएफओ के पास हर महीने औसतन करीब सात लाख नए पंजीकरण आते है। 

यह भी पढ़ें- SBI ने करोड़ों ग्राहकों को दी राहत, खत्म किए ये चार्जेज 

आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान नए अंशधारकों की कुल संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी। ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से नए अंशधारकों के आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 से आंकड़ों को लिया गया है। ‘पेरोल' आधारित इन आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2017 से जून 2020 के दौरान शुद्ध रूप से 1.63 करोड़ नए अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े। ईपीएफओ के अनुसार ‘पेरोल' आंकड़े अस्थायी है और कर्मचारियों के रिकार्ड का अद्यतन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसे बाद के महीनों में अद्यतन किया जाता है। ये अनुमान शुद्ध रूप से नये सदस्यों के जुड़ने पर आधारित हैं यानी जो लोग नौकरी छोड़कर गए, उन्हें इसमें से हटा दिया गया। पुन: जो लोग दोबारा से जुड़े, उन्हें इसमें शामिल किया गया। 

यह भी पढ़ें- Boycott China के बावजूद चीन की ये कंपनी आना चाहती है भारत, करेगी 7500 करोड़ निवेश

कोविड-19 महामारी के कारण अप्रैल और मई में पंजीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। लॉकडाउन के बावजूद ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से अप्रैल और मई, 2020 में क्रमश: 0.20 लाख और 1.72 लाख नए अंशधारक जुड़े। बयान के अनुसार जून में शुद्ध रूप से 6.55 लाख नए अंशाधक जुड़े। यह मासिक आधार पर 280 प्रतिशत वृद्धि को बताता है। इसमें नए अंशधारकों की संख्या जून में मोटे तौर पर 64 प्रतिशत बढ़कर 4.98 लाख रही। मई में यह संख्या 3.03 लाख थी। कई सदस्य एक नौकरी छोड़कर दूसरे रोजगार में जाते हैं। इससे पता चलता है कि कितने लोग नौकरी बदल रहे हैं। 

स्त्री-पुरूष के आधार पर विश्लेशण करने पर पता चलता है कि महिला कर्मचारियों का पंजीकरण जून, 2020 में निरपेक्ष रूप से बढ़कर 1,06,059 हो गया जो अप्रैल में 37,085 था। हालांकि, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी कम बनी हुई है। ईपीएफओ ने यह भी कहा कि अनुमान में अस्थायी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जिनका योगदान हो सकता है पूरे साल जारी नहीं रहे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ वर्ष के दौरान कम से कम एक माह का योगदान करने वाले कुल अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!