Gold Outlook: सोने में गिरावट सिर्फ शॉर्ट टर्म करेक्शन, एक्सपर्ट्स ने बताया खरीदारी का अच्छा मौका

Edited By Updated: 25 Oct, 2025 11:24 AM

fall in gold just a short term correction experts said good buying opportunity

दिवाली के बाद सोने की कीमतों में आई गिरावट ने निवेशकों और खरीदारों को सोच में डाल दिया है कि क्या यह रुझान लंबे समय तक रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोई चिंता की बात नहीं है, बल्कि गिरावट में खरीदारी का एक अवसर है। उनका मानना है कि यह केवल...

बिजनेस डेस्कः दिवाली के बाद सोने की कीमतों में आई गिरावट ने निवेशकों और खरीदारों को सोच में डाल दिया है कि क्या यह रुझान लंबे समय तक रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोई चिंता की बात नहीं है, बल्कि गिरावट में खरीदारी का एक अवसर है। उनका मानना है कि यह केवल थोड़े समय का सुधार (शॉर्ट टर्म करेक्शन) है, जिसके बाद सोना फिर से अपनी चमक वापस पा सकता है।

गिरावट के कारण

कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह के अनुसार, दिवाली से पहले सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं और कई बार रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थीं। अब जो गिरावट देखी जा रही है, वह एक सामान्य बाजार सुधार है। जब कोई वस्तु तेजी से बढ़ती है, तो उसके बाद कीमतों में थोड़ी स्थिरता स्वाभाविक होती है।

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निवेशक और खरीदार क्या कर रहे हैं?

शाह बताते हैं कि कई निवेशक इस समय को “गिरावट में खरीदारी का मौका” मान रहे हैं। निवेशक धीरे-धीरे सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं ताकि आने वाले महीनों में मुनाफा कमाया जा सके। उपभोक्ता भी इस मौके का लाभ उठाकर विशेषकर शादी और त्योहारों के सीजन में आभूषण खरीद रहे हैं। इस समय को एक्सपर्ट्स दोनों—निवेशक और आम खरीदार—के लिए फायदेमंद मान रहे हैं।

सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने की कीमत

राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने की कीमतें 1,25,600 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गईं, जबकि चांदी 1,52,600 रुपए प्रति किलोग्राम रही। विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी सुधार और त्योहारी सीजन के बाद मांग में गिरावट का असर देखने को मिल रहा है।

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अमेरिका का डेटा तय करेगा सोने की चाल

कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता के अनुसार, आने वाले दिनों में सोने की दिशा अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के फैसलों पर निर्भर करेगी।

  • 29 अक्टूबर की फेडरल रिजर्व बैठक अहम रहेगी।
  • अगर ब्याज दरों में कटौती होती है, तो सोने की कीमतें फिर तेजी दिखा सकती हैं।
  • दरें नहीं घटीं, तो थोड़ी और गिरावट संभव है।

साल के अंत तक बाजार की स्थिति

अनुज के मुताबिक, साल के अंतिम दो महीनों में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। इसका कारण है कि अमेरिकी फंड हाउस साल के अंत में अपनी बुक्स क्लोज करते हैं, जिससे नई पोजीशन नहीं ली जाती। बाजार फिलहाल थोड़ा शांत और स्थिर रह सकता है।

अगले साल का नजरिया

  • लंबी अवधि में सोना और चांदी दोनों के मजबूत रहने की उम्मीद है।
  • सोना 2026 के अंत तक $4500–$5000 प्रति औंस तक जा सकता है।
  • चांदी $60–$70 प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
  • हालांकि, यह सब अमेरिका की नीतियों, ब्याज दरों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार माहौल पर निर्भर करेगा।

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