भारत की बायोइकोनॉमी 10 साल में 10 अरब डॉलर से बढ़कर 165.7 अरब डॉलर

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 03:38 PM

india s bioeconomy leaps from 10 bn to 165 7 bn in 10 years

पिछले एक दशक में भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बायोइकोनॉमी (जैव-आर्थिकी) में से एक बनकर उभरा है। साल 2014 में जहां यह सेक्टर सिर्फ 10 अरब डॉलर का था, वहीं 2024 में यह 165.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत का लक्ष्य 2030 तक इसे 300 अरब डॉलर तक...

नई दिल्लीः पिछले एक दशक में भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बायोइकोनॉमी (जैव-आर्थिकी) में से एक बनकर उभरा है। साल 2014 में जहां यह सेक्टर सिर्फ 10 अरब डॉलर का था, वहीं 2024 में यह 165.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत का लक्ष्य 2030 तक इसे 300 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है। यह वृद्धि मुख्य रूप से बायोटेक्नोलॉजी, कृषि नवाचार, बायोमैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर में हुई प्रगति से संभव हुई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की बायोइकोनॉमी के चार प्रमुख उप-क्षेत्र हैं:

  • बायोइंडस्ट्रियल (47%)
  • बायोफार्मा (35%)
  • बायोएग्री (8%)
  • बायोरिसर्च (9%)

WHO रिपोर्ट में भारत का वैक्सीन दबदबा

भारत ने 2025 में कई बायोटेक उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें सबसे अहम है वैक्सीन निर्माण में अपनी स्थिति मजबूत करना। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ग्लोबल वैक्सीन मार्केट रिपोर्ट के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ग्लोबल वैक्सीन मार्केट (कोविड-19 को छोड़कर) में हिस्सेदारी 2021 के 19% से बढ़कर 2023 में 24% हो गई। यह वृद्धि PCV (प्न्यूमोकोकल), MR (मीजल्स-रुबेला) और Td (टिटनेस-डिप्थीरिया) वैक्सीन के उत्पादन में बढ़ोतरी से हुई। वैश्विक वैक्सीन बाजार में 10 कंपनियां 80% से ज्यादा सप्लाई करती हैं, जिनमें से तीन भारत की हैं — सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई। भारत ने WHO को 40% वैक्सीन की सप्लाई की, जिसमें बड़ा हिस्सा घरेलू उपयोग और अफ्रीकी देशों को गया।

इथेनॉल ब्लेंडिंग में ऐतिहासिक उपलब्धि

  • भारत ने 2025 में पेट्रोल में 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग (E20) हासिल कर ली है, जो लक्ष्य से पूरे 5 साल पहले है। 2014 में यह दर सिर्फ 1.5% थी। 
  • 2014–15 से जून 2025 तक किसानों को ₹1.21 लाख करोड़ का भुगतान हुआ।
  • सिर्फ 2025 में ही किसानों को लगभग ₹40,000 करोड़ का भुगतान होने और देश को ₹43,000 करोड़ की विदेशी मुद्रा बचत होने का अनुमान है।
  • जुलाई 2025 तक इथेनॉल ब्लेंडिंग से 245 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात टला और ₹1.44 लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा बचाई गई।
  • यह कार्यक्रम न केवल ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, बल्कि गन्ना और मक्का जैसी फसलों की खेती को भी टिकाऊ बना रहा है।

बायोटेक नीति और ग्रीन ग्रोथ

केंद्र सरकार ने 24 अगस्त 2024 को भारत की पहली बायोटेक्नोलॉजी नीति – BioE3 Policy (Biotechnology for Economy, Environment and Employment) को मंजूरी दी।

  • यह नीति हाई-परफॉर्मेंस बायोमैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
  • बायोमैन्युफैक्चरिंग एंड बायोफाउंड्री इनिशिएटिव के तहत ग्रीन ग्रोथ और टिकाऊ प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा। 

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