Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jul, 2025 04:21 PM

भारत अब कोयला उत्पादन के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। एनर्जी इंस्टीट्यूट की Statistical Review of World Energy 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2024 में कुल 1,085.1 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया, जिससे उसने अमेरिका,...
बिजनेस डेस्कः भारत अब कोयला उत्पादन के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। एनर्जी इंस्टीट्यूट की Statistical Review of World Energy 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2024 में कुल 1,085.1 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया, जिससे उसने अमेरिका, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और रूस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है।
इस सूची में चीन 4,780.0 मिलियन टन उत्पादन के साथ पहले स्थान पर बना हुआ है। हालांकि, चीन का उत्पादन भारत से चार गुना ज्यादा है लेकिन भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक जरूरतें और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में यह आंकड़ा बेहद अहम है।
भारत से पीछे छूटे ये देश
- इंडोनेशिया – 836.1 मिलियन टन
- अमेरिका – 464.6 मिलियन टन
- ऑस्ट्रेलिया – 462.9 मिलियन टन
- रूस – 427.2 मिलियन टन
- तुर्की – 87.0 मिलियन टन
भारत का यह प्रदर्शन बताता है कि देश की माइनिंग क्षमताएं और इंडस्ट्रियल डिमांड तेजी से बढ़ रही हैं। कोयला अब भी भारत में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है, जो इसकी एनर्जी सिक्योरिटी में अहम भूमिका निभा रहा है।
पर्यावरणीय चिंता भी बनी चुनौती
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का कोयला उत्पादन बढ़ना अर्थव्यवस्था और इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत है, लेकिन पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए ग्रीन एनर्जी की ओर संक्रमण भी ज़रूरी है। भारत सरकार सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों पर जोर दे रही है, लेकिन मौजूदा समय में कोयला देश की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है।
आगे की राह
भारत के कोयला सेक्टर का यह तेज़ विकास इसे वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक मजबूत स्थिति दिला रहा है। आने वाले वर्षों में अगर उत्पादन के साथ-साथ सस्टेनेबिलिटी पर भी फोकस रहा, तो भारत न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी के क्षेत्र में भी उदाहरण बन सकता है।