Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jul, 2025 01:49 PM

नाटो महासचिव मार्क रुट द्वारा रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को द्वितीयक प्रतिबंधों की धमकी दिए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों और वैश्विक बाजार की...
बिजनेस डेस्कः नाटो महासचिव मार्क रुट द्वारा रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को द्वितीयक प्रतिबंधों की धमकी दिए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों और वैश्विक बाजार की परिस्थितियों पर आधारित है और इस मसले पर किसी भी तरह के दोहरे मानदंड (Double Standards) को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय का सख्त रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हमारे नागरिकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम वैश्विक हालात और बाजार की वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए फैसले लेते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी की धमकी के दबाव में नहीं आने वाला।
ट्रंप और रुट दोनों ने दी चेतावनी
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी रूस से व्यापार जारी रखने वाले देशों पर 100% टैरिफ और द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। अब नाटो प्रमुख रुट ने भारत, चीन और ब्राजील को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ये देश रूस से संबंध खत्म नहीं करते, तो इसका "भारी असर" भुगतना पड़ सकता है।
भारत, चीन और ब्राजील – ब्रिक्स में एकजुट
तीनों देश ब्रिक्स (BRICS) के सदस्य हैं और यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस से ऊर्जा आयात जारी रखे हुए हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि वह स्वतंत्र विदेश नीति अपनाता है और किसी बाहरी दबाव में अपनी रणनीति नहीं बदलेगा।