भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 6.8% से अधिक की दर से बढ़ेगी: सीईए नागेश्वरन

Edited By Updated: 07 Nov, 2025 04:41 PM

indian economy to grow at over 6 8 in current fiscal year cea nageswara

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से अधिक रहने का भरोसा जताते हुए कहा कि जीएसटी दरों में कटौती और आयकर राहत से खपत में आई तेजी इसका मुख्य कारण है। जनवरी में संसद में...

नई दिल्लीः मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से अधिक रहने का भरोसा जताते हुए कहा कि जीएसटी दरों में कटौती और आयकर राहत से खपत में आई तेजी इसका मुख्य कारण है। जनवरी में संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया था। 

नागेश्वरन ने 'ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025' को संबोधित करते हुए कहा, “अब मुझे 6.8 प्रतिशत से ऊपर की दर सहजता से नजर आ रही है। अगस्त में हमें चिंता थी कि हम छह से सात प्रतिशत की सीमा के निचले स्तर तक ही रह जाएंगे लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक होगी और संभवतः 6.8 प्रतिशत से भी ऊपर जाएगी। हालांकि सात प्रतिशत का आंकड़ा कहने से पहले दूसरी तिमाही के आंकड़ों का इंतजार रहेगा।” देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही थी। यह वृद्धि मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन और व्यापार, होटल, वित्तीय सेवाओं एवं रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों की मजबूती से हासिल हुई। पिछली सर्वाधिक 8.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च 2024 में दर्ज की गई थी। चीन की वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 5.2 प्रतिशत रही थी। इस तरह भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। 

नागेश्वरन ने कहा कि यदि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) संपन्न हो जाता है तो आर्थिक वृद्धि को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा, “अगर व्यापार मोर्चे पर कोई समाधान निकल आता है, तो वृद्धि का अनुमान और ऊंचा हो सकता है।” उन्होंने यह समझौता जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई लेकिन इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई। फिलहाल अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत से आयातित वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का ऊंचा शुल्क लगा रखा है जिसमें रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण 25 प्रतिशत का अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात अगस्त को यह सीमा शुल्क लगाते हुए कहा था कि भारत ने रूस से तेल आयात जारी रखकर और व्यापार बाधाओं को बनाए रखकर अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाया है। 

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