Insurance company Merger: सरकार की बड़ी तैयारी, इन तीन इंश्योरेंस कंपनियों का हो सकता है मर्जर

Edited By Updated: 24 Nov, 2025 12:29 PM

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बैंकों के मर्जर के बाद अब सरकार सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के विलय की दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय तीन सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को एक इकाई में मर्ज करने के शुरुआती प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।...

बिजनेस डेस्कः बैंकों के मर्जर के बाद अब सरकार सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के विलय की दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय तीन सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को एक इकाई में मर्ज करने के शुरुआती प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार के बाद इन्हें एक छत के नीचे लाने की कवायद तेज हो गई है। सरकार का उद्देश्य दक्षता बढ़ाना, लागत कम करना और बड़े पैमाने पर संचालन को सक्षम करना है।

कौन सी कंपनियां हो सकती हैं मर्ज? (Which companies can be merged?)

विलय के दायरे में तीन बड़ी सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां शामिल होंगी:

  • ओरिएंटल इंश्योरेंस
  • नेशनल इंश्योरेंस
  • यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस

इन तीनों कंपनियों को 2019-20 से 2021-22 के बीच सरकार ने वित्तीय संकट से उबारने के लिए 17,450 करोड़ रुपए की पूंजी दी थी। 2018-19 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन तीनों कंपनियों को एक इकाई बनाने की घोषणा भी की थी। हालांकि जुलाई 2020 में सरकार ने मर्जर के विचार को रोक दिया और इसके बजाय 12,450 करोड़ रुपए की पूंजी फिर से डालने का निर्णय लिया। यह भी पढ़ें: Tejas Fighter Jet Crash: HAL का स्टॉक बुरी तरह झुलसा, शेयर में भारी गिरावट

प्राइवेटाइजेशन पर भी चल रहा है विचार

सूत्रों के मुताबिक अब तीनों कंपनियों की हालत में सुधार के बाद सरकार इनके भविष्य को लेकर दो विकल्पों पर विचार कर रही है:

  • तीनों कंपनियों का एक में मर्जर
  • एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी। इसके बाद अगस्त 2021 में संसद से सामान्य बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 पास हुआ, जिसने सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के निजीकरण का रास्ता साफ किया। फिलहाल, सरकार ने किसी भी विकल्प पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है और विभिन्न मॉडल की समीक्षा जारी है। यह भी पढ़ें: Robert Kiyosaki की चेतावनी, इतिहास का सबसे बड़ा वित्तीय क्रैश शुरू, गिरेगा रियल एस्टेट

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