मर्चेंट बैंकर तैयार करेंगे बड़े निवेशकों की सूची

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jan, 2022 03:11 PM

merchant bankers will prepare a list of big investors

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त मर्चेंट बैंकरों को ऐसे बड़े निवेशकों की सूची तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है, जो आईपीओ में एंकर निवेशक की भूमिका निभा सकते हैं। इसे देश में...

नई दिल्लीः भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त मर्चेंट बैंकरों को ऐसे बड़े निवेशकों की सूची तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है, जो आईपीओ में एंकर निवेशक की भूमिका निभा सकते हैं। इसे देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जा रहा है, जिसके लिए एंकर निवेशकों द्वारा तगड़ी लिवाली की जरूरत होगी क्योंकि सरकार बीमा कंपनी का उच्चतम मूल्यांकन चाह रही है।

एलआईसी आईपीओ विवरणिका (डीआरएचपी) जमा कराने की तैयारी कर चुकी है और सरकार द्वारा नियुक्त मर्चेंट बैंकरों को बड़े निवेशकों की सूची तैयार कर उनसे संपर्क साधने के लिए कहा गया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कुछ मामलों में ऐसे निवेशकों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है क्योंकि उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए ज्यादा समय नहीं होगा और सौदा पूरा करने की समयसीमा भी काफी कम होगी।

गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, नोमुरा फाइनैंशियल एडवाइजरी ऐंड सिक्योरिटीज इंडिया, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, जेएम फाइनैंशियल, ऐक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और कोटक महिंद्रा कैपिटल जैसे मर्चेंट बैंकर सरकार को एलआईसी के आईपीओ में मदद कर रहे हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि आईपीओ का आकार काफी बड़ा होगा, इसलिए एंकर निवेशकों की ओर से व्यापक समर्थन की जरूरत होगी। हालांकि सरकार एलआईसी के पॉलिसीधारकों सहित खुदरा निवेशकों की ओर से भारी मांग की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा, 'एलआईसी आईपीओ के आकार को देखते हुए एंकर निवेशकों का भरपूर सहयोग की जरूरत होगी, लेकिन खुदरा निवेशक भी बाजार की अगुआ बीमाकर्ता में निवेश करने के इच्छुक होंगे।' 

सरकार द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ता ने एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य 4 से 5 लाख करोड़ रुपये आंका है और खबरों के अनुसार सरकार बीमा कंपनी का बाजार मूल्यांकन 15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद कर रही है। एलआईसी के बाजार मूल्य का निर्धारण मर्चेंट बैंकरों से बातचीत के बाद किया जाएगा मगर 5 से 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 75,000 से 1.5 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि एलआईसी के अंतर्निहित मूल्यांकन का काम कंपनी और अन्स्र्ट ऐंड यंग द्वारा किया गया है। 

एलआईसी इस महीने बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ मसौदा जमा करा सकती है क्योंकि सरकार मार्च में इसका आईपीओ लाने की संभावना तलाश रही है। एनए शाह एसोसिएट्स एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर संदीप शाह ने कहा, 'बड़े निवेशकों ने कई वर्षों से एलआईसी के परिचालन और परिदृश्य की समीक्षा नहीं की है, ऐसे में उन्हें कंपनी के मूल्यांकन की व्यवहार्यता पर अतिरिक्त जानकारी की जरूरत होगी।' शाह ने कहा कि कोविड महामारी की तीसरी लहर के बीच सरकार प्रमुख वैश्विक एंकर निवेशकों से संपर्क कर रही है और आईपीओ निर्गम मूल्य तथा इसके परिदृश्य की जानकारी दे रही है ताकि आईपीओ पर किसी तरह का असर न पड़े। 

इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी आईपीओ की प्रगति की जानकारी ली थी। महामारी की तीसरी लहर से कुछ अड़चन आने की आशंका के बीच सरकार को पूरा भरोसा है कि एलआईसी को मार्च में सूचीबद्घ करा लिया जाएगा।  एलआईसी के आईपीओ से मिलने वाली रकम से सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य का बड़ा हिस्सा हासिल करने में मदद मिलेगी।
 

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