Edited By Supreet Kaur,Updated: 21 Oct, 2019 04:47 PM
आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को पटरी पर लाने के लिए सरकार काम कर रही है। बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने कहा है कि सरकार की योजना एक महीने के भीतर सार्व....
नई दिल्लीः आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को पटरी पर लाने के लिए सरकार काम कर रही है। बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने कहा है कि सरकार की योजना एक महीने के भीतर सार्वजनिक कर दिए जाने की उम्मीद है। इसके लिए पुनरूत्थान पैकेज पर काम चल रहा है। पैकेज में कंपनी के कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना, संपत्तियों को बेचकर धन जुटाना और 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है।
उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले कर्मचारियों को उनका वेतन भी मिल जाएगा। बीएसएनएल नए ग्राहक जोड़ रही है। आगे उन्होंने कहा कि कंपनी की आय 20,000 करोड़ रुपए से अधिक है। बीएसएनएल पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था।
इससे पहले दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि खराब वित्तीय हालत से जूझ रही सरकारी कंपनी बीएसएनएल का अस्तित्व में रहना देश के लिए बहुत जरूरी है। सरकार इस कंपनी को चलाने में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए प्रयास कर रही है। प्रसाद ने कहा था कि जब भी देश के किसी भी हिस्से में कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान आता है, तो बीएसएनएल ही पहली कंपनी होती है जो मुफ्त में सेवाएं देती है। कंपनी की कमाई का 75 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों का वेतन देने में काम आता है। वहीं अन्य कंपनियां इस मद में केवल पांच से 10 फीसदी खर्च करती हैं।