महंगाई घटने की वजह से ब्याज दरों को यथावत रख सकता है RBI: विशेषज्ञ

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jun, 2023 02:50 PM

rbi may keep interest rates unchanged due to low inflation experts

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट और आगे इसमें और राहत मिलने की उम्मीद के बीच आठ जून को नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रख सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पूर्व में नीतिगत मोर्चे पर की गई कार्रवाई के...

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट और आगे इसमें और राहत मिलने की उम्मीद के बीच आठ जून को नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रख सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पूर्व में नीतिगत मोर्चे पर की गई कार्रवाई के प्रभावी रहने का संकेत होगा। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक छह से आठ जून तक होनी है। मौद्रिक नीति की 43वीं बैठक के निर्णयों की घोषणा आठ जून यानी बृहस्पतिवार को होगी। 

अप्रैल में पिछली एमपीसी बैठक में आरबीआई ने ब्याज दर वृद्धि को रोक दिया था और रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा था। इससे पहले महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मई, 2022 के बाद से लगातार वृद्धि करते हुए नीतिगत दर रेपो में 2.5 प्रतिशत वृद्धि की गई थी। एमपीसी की बैठक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के अप्रैल में 18 महीनों के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आने के बाद हो रही है। आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में संकेत दिए थे कि मई में यह आंकड़ा अप्रैल से भी नीचे जा सकता है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आरबीआई के ब्याज दरों पर विराम लगाने और नीतिगत दर रेपो के 6.5 प्रतिशत पर ही रहने की बहुत ज्यादा संभावना है। मई के लिए सीपीआई की घोषणा 12 जून को होगी। 

विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई की मानसून की प्रगति पर भी नजर है और अल नीनो खरीफ की फसल पर दुष्प्रभाव डाल सकता है, जिससे कीमतों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक रजनीश कर्नाटक ने बताया, “जहां तक बैंकरों की बात है, मैं सिर्फ यही कहूंगा कि रिजर्व बैंक की नीतिगत दर रेपो पहले ही 2.5 प्रतिशत बढ़ चुकी है। बैंकिंग के मामले में बाजार से अपेक्षाएं हैं कि हम रेपो दर में वृद्धि की बिल्कुल उम्मीद नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह पहले ही काफी बढ़ चुकी है और मुद्रास्फीति नीचे आई है।” कर्नाटक ने कहा, “अगर आप थोक और खुदरा मुद्रास्फीति को देखेंगे, तो यह अब कम हुई है। मुझे लगता है कि आरबीआई अब विराम लगाएगा और रेपो दर में वृद्धि नहीं होगी।” उनका समर्थन करते हुए बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आशीष पांडेय ने कहा कि आरबीआई दर बदलने से पहले अपनी इंतजार करो और देखो की नीति पर कायम रहेगा। 
 

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