Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jul, 2022 05:33 PM
रियल एस्टेट क्षेत्र की धारणा अप्रैल-जून तिमाही के दौरान थोड़ा कमजोर हुई है लेकिन यह सकारात्मक बनी हुई है। नाइट फ्रैंक इंडिया-नारेडको का रियल एस्टेट धारणा सूचकांक-दूसरी तिमाही में घटकर 62 अंक पर आ गया है। यह जनवरी-मार्च तिमाही में 68 अंक पर
बिजनेस डेस्कः रियल एस्टेट क्षेत्र की धारणा अप्रैल-जून तिमाही के दौरान थोड़ा कमजोर हुई है लेकिन यह सकारात्मक बनी हुई है। नाइट फ्रैंक इंडिया-नारेडको का रियल एस्टेट धारणा सूचकांक-दूसरी तिमाही में घटकर 62 अंक पर आ गया है। यह जनवरी-मार्च तिमाही में 68 अंक पर था। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दर रेपो में दो दौर की कटौती की वजह से यह सूचकांक जून तिमाही में थोड़ा नीचे आया है।
धारणा सूचकांक आपूर्ति पक्ष के अंशधारकों मसलन डेवलपर्स, निवेशक और वित्तीय संस्थानों के सर्वे पर आधारित है। इस सूचकांक के 50 से ऊपर होने का मतलब धारणा के सकारात्मक होने से है। वहीं इसके 50 से नीचे होने का आशय नकारात्मक धारणा से है। नाइट फ्रैंक इंडिया-नारेडको ने कहा है कि मई और जून में रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में दो बार वृद्धि की गई है। इसकी वजह से मौजूदा धारणा सूचकांक में गिरावट आई है। अगले छह माह के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र का परिदृश्य सकारात्मक है लेकिन यह मार्च तिमाही की तुलना में इतना मजबूत नजर नहीं आ रहा है।