Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Nov, 2025 03:12 PM

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने Jindal Poly Films Ltd. के खिलाफ शुरुआती जांच में सामने आए गंभीर निष्कर्षों के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया है। जांच में पता चला कि कंपनी ने अपनी ग्रुप कंपनियों में किए गए निवेशों को Write-Off किया, जिससे...
बिजनेस डेस्कः मार्केट रेगुलेटर SEBI ने Jindal Poly Films Ltd. के खिलाफ शुरुआती जांच में सामने आए गंभीर निष्कर्षों के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया है। जांच में पता चला कि कंपनी ने अपनी ग्रुप कंपनियों में किए गए निवेशों को Write-Off किया, जिससे भारी वित्तीय नुकसान हुआ लेकिन इसकी जानकारी निवेशकों को समय पर नहीं दी गई। SEBI का आरोप है कि इन निवेश Write-Off की वजह से ₹760 करोड़ का नुकसान हुआ।
₹760 करोड़ के Write-Off पर सवाल
SEBI के अनुसार, Jindal Poly ने अपनी ग्रुप कंपनी Jindal India Powertech में किए गए निवेशों को कई वित्तीय वर्षों में Write-Off किया। इसका असर यह हुआ कि किसी एक वर्ष में बड़ा घाटा सामने नहीं आया और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी छिपी रह गई। रेगुलेटर का कहना है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और जुड़ी हुई पार्टी लेनदेन (related party transactions) का खुलासा न करना SEBI नियमों का सीधा उल्लंघन है।
NCLT में चल रही सुनवाई
SEBI ने NCLT को बताया कि वह कंपनी के खिलाफ आगे की नियामकीय कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इसी बीच, अल्पसंख्यक निवेशकों द्वारा दायर क्लास एक्शन याचिका पर भी NCLT में सुनवाई जारी है।
रेगुलेटर ने यह भी कहा कि कंपनी के शेयर मूल्य में वास्तविक "Value Erosion" (मूल्य क्षरण) का पूरा परिलक्षित नहीं होता, जबकि Write-Off से कंपनी की वित्तीय स्थिति पर बड़ा असर पड़ा है।