दुनिया का सबसे महंगा शेयर बर्कशायर हैथवे घाटे में, वॉरेन बफेट ने सरकार को दी सलाह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Feb, 2023 12:26 PM

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बर्कशायर हैथवे की परिचालन आय 2022 की चौथी तिमाही के दौरान गिर गई। इससे निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है। अमेरिका में बढ़ती महंगाई ने कंपनियों की हालत खराब कर दी है। इसको लेकर वॉरेन बफेट ने चिंता जताई है और कहा है कि सरकार को अपनी नीतियों पर ध्यान...

बिजनेस डेस्कः बर्कशायर हैथवे की परिचालन आय 2022 की चौथी तिमाही के दौरान गिर गई। इससे निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है। अमेरिका में बढ़ती महंगाई ने कंपनियों की हालत खराब कर दी है। इसको लेकर वॉरेन बफेट ने चिंता जताई है और कहा है कि सरकार को अपनी नीतियों पर ध्यान देना चाहिए। शनिवार को वॉरेन बफेट ने अपना सालाना शेयर पत्र जारी किया, जिसे वो अपनी कंपनी के लिए हर साल जारी करते हैं। उस लेटर में कंपनी अगले साल किस दिशा में कैसे काम करने वाली है ताकि वह तेजी से विकास कर सके, इसके बारे में पूरी डिटेल जानकारी दी गई होती है। उसमें बताया गया है कि बर्कशायर का परिचालन लाभ या टैक्स और ब्याज से पहले मुख्य परिचालन से कुल लाभ पिछले साल की चौथी तिमाही में 6.7 अरब डॉलर था। यह कंपनी की तीसरी तिमाही की आय 7.8 अरब डॉलर से करीब 8 फीसदी कम है।

बफेट के इस लेटर का निवेशकों को रहता है इंतजार

साल की शुरुआत में वॉरेन बफेट द्वारा जारी किए जाने वाले इस लेटर का इंतजार दुनियाभर के निवेशक को रहती है। चेक कैपिटल मैनेजमेंट के अध्यक्ष स्टीवन चेक ने कहा, यह अनिवार्य रूप से बाइडेन और अन्य लोगों के लिए एक सीधी टिप्पणी थी, जो उस मानसिकता के लिए हैं कि स्टॉक वापस खरीदना देश के लिए हानिकारक है। 7 फरवरी को अपने स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में बाइडेन ने स्टॉक बायबैक पर टैक्स को चौगुना करने का ऐलान किया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति शेयरधारकों को पैसा लौटाने के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली नीति को लेकर हमेशा से मुखर आलोचक रहे हैं।

बफेट का मानना है कि स्टॉक बायबैक मौजूदा शेयरधारकों को लाभान्वित करता है और अस्वीकृति से अच्छी तरह वाकिफ है। भविष्य के लिए बर्कशायर हमेशा नकदी और यू.एस. ट्रेजरी बिलों के साथ-साथ व्यवसायों की एक विस्तृत कैटेगरी में रखेगा। हम ऐसे व्यवहार से भी बचेंगे जो असुविधाजनक समय पर किसी भी असहज नकदी की जरूरत का कारण बन सकती है, जिसमें वित्तीय घबराहट और अभूतपूर्व बीमा नुकसान शामिल हैं। निवेशक भी बढ़ती ब्याज दरें और महंगाई पर बफेट के विचारों का अनुमान लगा रहे थे। वह उस दौर से गुजर चुके हैं जब आज से खराब हालात हुआ करते थे और विशेष रूप से 70 और 80 के दशक। जब दुनिया भर में मंदी थी और आर्थिक हालात कमजोर हुआ करते थे।
 

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