एयरलाइन उद्योग पर कर नहीं लगता, ऐसा सोचना गलत है: आईएटीए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jun, 2023 03:34 PM

wrong to think that airline industry is not taxed iata

अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र पर कर नहीं लगने की दलीलों को खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने कहा है कि करीब सात अरब अंतरराष्ट्रीय उड़ान टिकटों के विश्लेषण से पता चलता है कि एयरलाइन कंपनियों ने कर और शुल्क में 380 अरब डॉलर का...

इस्तांबुलः अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र पर कर नहीं लगने की दलीलों को खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने कहा है कि करीब सात अरब अंतरराष्ट्रीय उड़ान टिकटों के विश्लेषण से पता चलता है कि एयरलाइन कंपनियों ने कर और शुल्क में 380 अरब डॉलर का भुगतान किया है। आईएटीए 300 से अधिक एयरलाइंस का समूह है। इनमें भारतीय विमानन कंपनियां भी शामिल हैं। यहां आईएटीए की सालाना आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए इसके महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि यह तर्क कि अंतरराष्ट्रीय विमानन पर कर नहीं लगता है, सही नहीं है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2018 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की करीब करीब सात अरब टिकटों के आंकड़े का विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि एयरलाइन कंपनियों ने कर और शुल्क में 380 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान किया है, जो कि टिकट की कीमत का 33 प्रतिशत से अधिक है।'' वॉल्श ने कहा कि यदि इसमें हम घरेलू उड़ानों को भी शामिल कर लेंगे तो 380 अरब डॉलर का आंकड़ा 500 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि नीति निर्माता तथ्यों को देखें, सिर्फ कल्पना के आधार पर बात नहीं करें। 

वॉल्श ने कहा कि कोरोनो वायरस महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित होने के बाद अब एयरलाइन उद्योग लाभ की स्थिति में पहुंच रहा है। हालांकि, लाभ मार्जिन काफी सीमित है। उन्होंने कहा कि 803 अरब डॉलर के राजस्व के साथ एयरलाइंस का शुद्ध लाभ इस साल 9.8 अरब डॉलर रहेगा। दूसरे नजरिये से देखें, तो एयरलाइंस को एक यात्री पर औसतन 2.25 डॉलर मिलेंगे। यह राशि काफी कम है। 

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