सरकार पुराने प्रस्ताव पर अड़ी, सरपंच पीछे हटने को तैयार नहीं

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 14 Mar, 2023 08:32 PM

allegations the government wants to divide the association

हरियाणा में ई-टैंडरिंग मामले को लेकर एक बार फिर सरपंच एसोसिएशन और सरकार आमने-सामने हैं। सरकार जहां अपने पिछले प्रस्ताव पर अड़ी हुई है तो वहीं सरपंचों ने भी अब पीछे हटने से इनकार किया है। मंगलवार को सरकार के सिपहसालार के साथ सरपंचों की वार्ता विफल...

चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा में ई-टैंडरिंग मामले को लेकर एक बार फिर सरपंच एसोसिएशन और सरकार आमने-सामने हैं। सरकार जहां अपने पिछले प्रस्ताव पर अड़ी हुई है तो वहीं सरपंचों ने भी अब पीछे हटने से इनकार किया है। मंगलवार को सरकार के सिपहसालार के साथ सरपंचों की वार्ता विफल रही। सरपंच एसोसिएशन ने सरकार पर सरपंचों में फूट डालने का बड़ा आरोप लगाया है। सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी रणबीर सिंह गिल ने कहा कि सरकार ओछी हरकत पर उतर आई है। बीते 10 मार्च को सरकार ने हमें वार्ता में फंसाकर रखा था ताकि 11 मार्च के करनाल में सी.एम. आवास के घेराव कार्यक्रम को सफल न होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरपंच अपने फैसले पर अड़े हुए हैं और 17 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
 

 

 

सरकार के प्रतिनिधियों से दोनों दौर की वार्ता विफल
दरअसल सरकार के बुलावे पर मंगलवार को हरियाणा एम.एल.एम. हॉस्टल में सरपंचों का प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए पहुंचा था। पहले दौर में सी.एम.ओ. के पदाधिकारियों से सरपंच की बात हुई। दूसरे दौर के लिए डी.आई.जी. ओ.पी. नरवाल एम.एल.ए. हॉस्टल पहुंचे। हालांकि ये दोनों दौर की वार्ता सिरे नहीं चढ़ पाई। इसके बाद सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि पुराने प्रस्ताव पर ही अब चर्चा होगी। हालांकि सरपंच इस पर तैयार नहीं हैं। दो दौर की वार्ता के बाद बात न बन पाने के कारण सी.एम. से सरपंचों की मुलाकात नहीं हो पाई। बताया यह भी जा रहा है कि सरकार के पुराने प्रस्ताव को लेकर सरपंच भी दो फाड़ हो गए हैं। कुछ सरपंच सरकार के प्रस्ताव पर सहमत हैं, लेकिन कुछ अड़े हुए हैं। हालांकि अब आपसी सहमति को लेकर सरपंचों के बीच बैठकों का दौर जारी है। देर शाम तक सरपंचों की ओर से आगे की रणनीति को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है। सरपंचों की ओर से ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया गया है।
 

 

 

मुख्यमंत्री से बातचीत न होने से सरपंच नाराज
चौथे दौर की वार्ता के लिए मुख्यमंत्री के टाइम नहीं दिए जाने और सरकार की ओर से ई-टैंडरिंग और राइट टू रिकॉल पर यू-टर्न से साफ मना करने पर सरपंच नाराज हो गए थे। इसके बाद सरपंचों ने 17 मार्च को विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। सरपंचों ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार के साथ किसी भी मांग पर सहमति नहीं बनी तो वह 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे। बता दें कि 9 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरपंचों के साथ हुई मीटिंग में ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई थी। 10 मार्च की सुबह 9.30 बजे फिर सरपंचों के साथ बैठक होनी थी। मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि 10 मिनट के लिए वार्ता होगी और सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन सुबह पहले प्रस्तावित कार्यक्रमों के तहत मुख्यमंत्री पहले राजभवन चले गए और बाद में करनाल पहुंच गए थे, जिसके कारण चौथे दौर की वार्ता नहीं हो सकी थी।

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