Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 30 Jul, 2023 07:31 PM
गत 6 माह से लीबिया में फंसे 17 भारतीय लड़के कल त्रिपोली की जेल से रिहा हो गए। पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी, जो कई माह से इन युवाओं की रिहाई एवं वतन वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं, ने बताया कि पंजाब और दिल्ली के कुछ बेईमान ट्रैवल...
चंडीगढ़,(रमनजीत): गत 6 माह से लीबिया में फंसे 17 भारतीय लड़के कल त्रिपोली की जेल से रिहा हो गए। पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी, जो कई माह से इन युवाओं की रिहाई एवं वतन वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं, ने बताया कि पंजाब और दिल्ली के कुछ बेईमान ट्रैवल एजैंटों ने इन युवाओं को, जिनमें से ज्यादातर युवा पंजाब और हरियाणा के हैं, इटली भेज कर वहां आकर्षक नौकरी का वायदा करते हुए लगभग 11-11 लाख रुपए वसूले थे, लेकिन इटली की बजाए उन्हें लीबिया पहुंचा दिया था।
साहनी ने बताया कि यह सभी युवा फरवरी 2023 में भारत से दुबई और फिर मिस्र होते हुए इटली के लिए रवाना हुए और कुछ दिन के बाद उन्हें लीबिया में उतार दिया गया और जुवारा शहर में स्थानीय माफिया के सुपुर्द कर दिया गया, जहां उन्हें भोजन व पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा था और शारीरिक उत्पीडऩ किया जा रहा था।
सांसद साहनी ने कहा कि जब उन्हें इस वर्ष मई में इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास से संपर्क किया और इन सभी लड़कों को बचाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की। साहनी ने कहा, ‘मेरी टीम इन लड़कों और उनके परिवारों के साथ लगातार संपर्क में थी। शुरूआत में हमारी प्रमुख ङ्क्षचता उन्हें स्थानीय माफिया की कैद से बाहर निकालना था।’
साहनी ने स्थानीय माफिया की कैद से इन लड़कों के भागने की नाटकीय घटना का विवरण देते हुए बताया कि 13 जून 2023 को लीबियाई पुलिस अधिकारियों की मदद से हमने इन लड़कों को निर्माणाधीन इमारत से भगाया, जहां इन युवाओं को सशस्त्र समूह/माफिया ने बंदी बना कर रखा था। इसके बाद उन्हें लीबिया के जवारा शहर में एक होटल में ठहराया गया।
साहनी ने कहा कि हालांकि, अनिश्चितताओं को देखते हुए और उनके फिर से सशस्त्र समूह के हाथों में पडऩे की आशंका के कारण, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और 15 जून 2023 को जुवारा के एक जेल में भेज दिया, जिसके बाद उनकी रिहाई और भारत वापसी के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई।
साहनी ने कहा कि कल उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी हो गई और लीबियाई अधिकारियों ने इन युवाओं को जेल से रिहा कर दिया और अभी उन्हें उनके यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था होने तक त्रिपोली में अवैध अप्रवासियों के बंदरगाह के शिविर कार्यालय में रखा गया है। उनकी सुचारु, सुरक्षित और भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन प्रमाणपत्र भारतीय दूतावास द्वारा बनाया जा रहा है।
साहनी ने कहा कि वह अपने घर वापस आने वाले इन युवाओं के सभी कानूनी खर्चों और विमान टिकटों को प्रायोजित करेंगे और उसके बाद उन्हें अपने कौशल केंद्रों में मुफ्त में कौशल विकास की शिक्षा प्रदान करेंगे ताकि उन्हें यहीं भारत में नौकरी के अवसर प्रदान हो सकें और नौकरी की तलाश में विदेश न जाना पड़े और इस तरह फंसना न पड़े।