Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Nov, 2020 10:03 PM
कभी भी किसी का बुरा न सोचें। दूसरों की राह में कांटे बिछाने वालों के हाथों में हमेशा कांटे चुभते ही रहते हैं। दूसरों के लिए गड्ढा
कभी भी किसी का बुरा न सोचें। दूसरों की राह में कांटे बिछाने वालों के हाथों में हमेशा कांटे चुभते ही रहते हैं। दूसरों के लिए गड्ढा खोदोगे तो वह आपके लिए ही कुआं साबित हो जाएगा। -समाजरत्न हीरा लाल जैन
कोई भी बुरा काम करने लगो तो अपने विवेक से काम लो। अपनी तीसरी आंख खोलो। विवेक ही आपका रक्षक है और यही आपको सावधान करता है कि बुरे काम से बचो। -रमेशभाई शुक्ला
नौजवान लड़ाई-झगड़े को बढ़ाने के मास्टर हैं और बुजुर्ग झगड़ा निपटाने के माहिर हैं। जिन परिवारों में बड़े-बुजुर्ग होते हैं, वे झगड़े को जल्दी निपटा देते हैं। बात जितनी बढ़ेगी उतनी बिगड़ेगी। सहनशीलता सीखो, धैर्य रखो। -दर्शना भल्ला
परिवारों में रिश्ते बना कर रखो। भूल जाने पर तो पौधे भी सूख जाते हैं। मीठा बोलने से आपका धन नहीं घटेगा। आपके स्वाद ऐसे नहीं होने चाहिएं कि जटिलताएं बन जाएं। भगवान महावीर जी के विचारों पर ध्यान दें। यदि परिवार में संगठन होगा तो परिवार में ताकत बनी रहेगी। बंद मुट्ठी फौलाद की तरह होती है। मुट्ठी खुली होगी, घर में बेइत्तफाकी होगी तो याद रखना किसी के आगे टिक नहीं सकोगे।
द्रौपदी के दो शब्द अंधे का बेटा अंधा कहने से महाभारत का युद्ध हुआ। कैकेयी के दो शब्दों ने बसी-बसाई अयोध्या को बिखेर कर रख दिया। अयोध्या अनाथ हो गई। शब्दों को सोच कर बोलो। -राष्ट्रीय संत चंद्रप्रभ
बेटियों को पढ़-लिखकर घर के कामकाज करने की आदत भी डालनी चाहिए। वाणी में मधुरता, स्वभाव में सहनशीलता हो और बड़ों से बातचीत करने का हुनर भी होना चाहिए। यह सोच लेना चाहिए कि मेरा असली घर ससुराल ही है। सब का दिल जीतने की कला होनी चाहिए। -दर्शना भल्ला
जब आंखें रोती हैं तो दिलों को हिला देती हैं और जब बंद होती हैं तो लोगों को रुला देती हैं। शानदार रिश्ते चाहते हो तो गहराई में उतरना पड़ेगा। लाजवाब मोती किनारों पर नहीं मिलते।
जिंदगी की मुसीबतें कम करना चाहते हो तो गुनाह करने से परहेज करो। सुनना सीखो, बोलना तो सब जानते हैं। आपकी जुबान से निकले शब्द आपके स्वभाव का सब पता बता देते हैं।