Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Nov, 2025 09:42 AM

Banke Bihari Temple: दीपावली के तुरंत बाद, मथुरा के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी शीतकाल के अनुरूप ठाकुर जी की सेवा और दर्शन के समय में परिवर्तन किया गया है। यह बदलाव भाई दूज (दीपावली के बाद) से लागू हो गया है और यह...
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Banke Bihari Temple: दीपावली के तुरंत बाद, मथुरा के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी शीतकाल के अनुरूप ठाकुर जी की सेवा और दर्शन के समय में परिवर्तन किया गया है। यह बदलाव भाई दूज (दीपावली के बाद) से लागू हो गया है और यह होली के दौज तक प्रभावी रहेगा। चूंकि यहां भगवान बांके बिहारी बाल रूप में विराजमान हैं इसलिए मंदिर प्रबंधन और सेवायत उन्हें सर्दी का एहसास कराते हुए विशेष सुविधाएं प्रदान करते हैं। यह एक पुरानी परंपरा है जिसके तहत उन्हें ठंड से बचाने के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं।
दर्शन के समय में बदलाव
शीतकाल की शुरुआत के साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के समय में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं:
समय अवधि
समय अवधि,वर्तमान शीतकालीन दर्शन समय
सुबह (प्रातः),8:45 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
शाम (संध्या),4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
हालांकि, मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति के अनुसार, भक्तों के लिए पट सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुले रहेंगे। वहीं, सेवायत अपनी पारंपरिक समय-सारणी के अनुसार ही सेवा और दर्शन शुरू करते हैं।
भोग और विशेष सेवाएं
भोग में परिवर्तन: मौसम के अनुरूप ठाकुर जी के भोग-प्रसाद में भी बदलाव किया गया है। गर्मी के महीनों में जहां ठंडक पहुंचाने वाले हल्के पदार्थ अर्पित किए जाते थे, वहीं अब सर्दी में भगवान को गर्माहट देने वाले विशेष व्यंजन भोग के रूप में चढ़ाए जा रहे हैं।
शीतकालीन सेवा: इस परंपरा के तहत, भगवान को ठंड से बचाने और उन्हें गर्माहट देने के लिए मंदिर प्रबंधन ने कई विशेष शीतकालीन सेवाएं शुरू की हैं।
यह अद्भुत व्यवस्था भक्तों को भक्ति, आस्था और प्राचीन परंपरा के अनूठे मेल का अनुभव कराती है, जहां भगवान को ऋतु के अनुरूप सुख-सुविधा का अनुभव कराया जाता है।