Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Oct, 2025 03:18 PM

Bharmour Yamraj temple Himachal Pradesh: अक्सर देवी-देवताओं के मंदिर हर जगह मिल जाते हैं लेकिन यमराज के मंदिर अत्यंत दुर्लभ हैं। इन मंदिरों में प्रवेश करना मानो जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा का अनुभव कराता है। आज हम आपको ऐसे तीन प्रसिद्ध यमराज...
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Bharmour Yamraj temple Himachal Pradesh: अक्सर देवी-देवताओं के मंदिर हर जगह मिल जाते हैं लेकिन यमराज के मंदिर अत्यंत दुर्लभ हैं। इन मंदिरों में प्रवेश करना मानो जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा का अनुभव कराता है। आज हम आपको ऐसे तीन प्रसिद्ध यमराज मंदिरों की रहस्यमयी यात्रा पर ले चलेंगे। जिनके बारे में जानना हर इंसान के लिए आवश्यक है। भरमौर का यमराज मंदिर चम्बा जिला हिमाचल प्रदेश में आत्माओं का अंतिम न्यायालय है। दिल्ली से लगभग 500 किलोमीटर दूर हिमालय की गोद में स्थित भरमौर (Bharmour) नामक छोटा-सा गांव है। यहीं पर स्थित है यमराज मंदिर, जो एक साधारण घर जैसा दिखता है लेकिन इसका आध्यात्मिक महत्व असाधारण है।

पुरातात्विक और शास्त्रीय दृष्टि से
हिंदू पुराणों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान यमलोक का द्वार माना जाता है। कहा जाता है कि मरणोपरांत हर आत्मा को यमदूत यहां लेकर आते हैं, जहां पहले उसे चित्रगुप्त के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

मंदिर में दो मुख्य कक्ष हैं:
पहला कक्ष चित्रगुप्त का है, जो यमराज के राजपुरोहित और लेखाकार हैं। वे आत्मा के जीवन का कर्मों का संपूर्ण लेखा-जोखा पढ़ते हैं।
दूसरा कक्ष यमराज की कचहरी (न्यायसभा) है, जहां स्वर्ग या नरक का अंतिम निर्णय होता है।

अदृश्य दरवाजे का रहस्य
स्थानीय मान्यता और गरुड़ पुराण के अनुसार, इस मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं:
स्वर्ण द्वार (पूर्व दिशा) – पुण्यात्माओं के लिए स्वर्ग का मार्ग।
रजत द्वार (दक्षिण दिशा) – साधारण कर्मों वाले जीवों के लिए।
ताम्र द्वार (पश्चिम दिशा) – पुनर्जन्म की ओर।
लौह द्वार (उत्तर दिशा) – पापात्माओं के लिए नरक का मार्ग।

यह चार द्वार मानव कर्मों की विविधता का प्रतीक हैं इसलिए भरमौर का यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि जीव और परलोक के बीच का सेतु माना जाता है।
