महिषासुर मर्दिनी का पाठ करने से मिलते हैं ऐसे लाभ, जानकर आप भी रोज़ाना पढ़ने लगेंगे ये स्तोत्र

Edited By Jyoti,Updated: 27 Mar, 2020 10:59 AM

chaitra navratri mahishasur mardini path benefits

चैत्र नवरात्रों में मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है इस बार में तो सभी जानते ही हैं। इसी के साथ इस दौरान मां को मनाने व प्रसन्न करने के लिए और भी कई तरह के प्रयास किए जाते हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
चैत्र नवरात्रों में मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है इस बार में तो सभी जानते ही हैं। इसी के साथ इस दौरान मां को मनाने व प्रसन्न करने के लिए और भी कई तरह के प्रयास किए जाते हैं। जिसमें ज्योतिष उपायो से लेकर मंत्र आदि सब शामिल हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं देवी मां के एक स्वरूप से जुड़े से स्तोत्र के बारे में जो बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस स्तोत्र का पाठ करने से जातक के जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं।
PunjabKesari, Chaitra Navratri 2020, navratri 2020 march, chaitra navratri 2020 date, नवरात्रि 2020, navratri 2020 march april, navratri 2020 after holi, चैत्र नवरात्रि 2020, Maa Durga, Navratri Pujan, Dharm, Durga Puja on Navratri, Maa Durga Worship
बल्कि कहा जाता है जो व्यक्ति शक्ति की इच्छा रखता है उसे मां भगवती की इस स्तोत्र से आराधना करना चाहिए। इनकी आराधना से बड़े से बड़ा कष्ट भी तुरंत दूर हो जाता है। यूं तो हिंदू शास्त्रों में मां की आराधना के लिए कई तरीके बताए गए हैं मगर उन में से इस स्तोत्र का पाठ करना सब लाभदायक माना जाता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति दिन में एक बार भी मां महिषासुरमर्दिनी स्रोत का पाठ कर लेता है, उसके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता और न ही वह कभी नरक में जाता है।

क्या है मां महिषासुरमर्दिनी स्रोत के पाठ की विधि-
सुबह के समय स्नान कर स्वच्छ, धुले हुए कपड़े पहन कर एक आसन पर विराजमान हो जाएं। इसके बाद मां की तस्वीर अथवा प्रतिमा पर पुष्प, माला आदि अर्पित उनकी धूप, दीप आदि से पूजा कर प्रसाद समर्पित करें। इसके बाद शांत चित्त होकर एकाग्र मन से महिषासुरमर्दिनी स्रोत का पाठ करें। पूरे पाठ में केवल 10 से 15 मिनट लगते हैं। इसके बाद अपने आपको मां के चरणों में अर्पित कर उनसे समस्त कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें। मां महिषासुरमर्दिनी स्रोत (तथा वीडियो) निम्न प्रकार हैं

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥

सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥

अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते ।
मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ३ ॥
PunjabKesari, Chaitra Navratri 2020, navratri 2020 march, chaitra navratri 2020 date, नवरात्रि 2020, navratri 2020 march april, navratri 2020 after holi, चैत्र नवरात्रि 2020, Maa Durga, Navratri Pujan, Dharm, Durga Puja on Navratri, Maa Durga Worship
अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्द गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते ।
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ४ ॥

अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते ।
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ५ ॥

अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे ।
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ६ ॥

अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते ।
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ७ ॥

धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके ।
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ८ ॥

सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते ।
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ९ ॥

जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते ।
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १० ॥

अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते ।
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११ ॥
PunjabKesari, Chaitra Navratri 2020, navratri 2020 march, chaitra navratri 2020 date, नवरात्रि 2020, navratri 2020 march april, navratri 2020 after holi, चैत्र नवरात्रि 2020, Maa Durga, Navratri Pujan, Dharm, Durga Puja on Navratri, Maa Durga Worship
सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते ।
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १२ ॥

अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते ।
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १३ ॥

कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले ।
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १४ ॥

करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते ।
निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १५ ॥

कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १६ ॥

विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते ।
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते ।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १७ ॥

पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् ।
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १८ ॥

कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम् ।
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १९ ॥

तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते ।
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २० ॥

अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते ।
यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २१ ॥
PunjabKesari, Chaitra Navratri 2020, navratri 2020 march, chaitra navratri 2020 date, नवरात्रि 2020, navratri 2020 march april, navratri 2020 after holi, चैत्र नवरात्रि 2020, Maa Durga, Navratri Pujan, Dharm, Durga Puja on Navratri, Maa Durga Worship

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!