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Champa Shashti: जिस घर में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहती है, वहां ये उपाय रामबाण का काम करेगा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Dec, 2024 01:30 PM

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Champa Shashti: शनिवार,7 दिसंबर को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन को चंपा षष्ठी और बैंगन छठ के नाम से जाना जाता है। स्कंदपुराण में कहा गया है षष्ठी तिथि, मंगल ग्रह व दक्षिण दिशा कुमार कार्तिकेय को समर्पित है। भविष्य पुराण में बताई...

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Champa Shashti: शनिवार,7 दिसंबर को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन को चंपा षष्ठी और बैंगन छठ के नाम से जाना जाता है। स्कंदपुराण में कहा गया है षष्ठी तिथि, मंगल ग्रह व दक्षिण दिशा कुमार कार्तिकेय को समर्पित है। भविष्य पुराण में बताई गई कथा के अनुसार चंपा षष्ठी के दिन कार्तिकेय अपने परिवार से नाराज होकर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग पर चले गए थे व इस शुभ दिन पर ही ये देवसेना के सेनापति नियुक्त हुए थे।

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मंगलवार और चंपा षष्ठी के शुभ योग में अवश्य करें ये उपाय
महाराष्ट्र में चंपा षष्ठी के दिन मणि-मल्ह के स्वरूप को बैंगन के भर्ते व बाजरे की रोटी का भोग लगता है। आप भी इन दोनों चीज़ों का शिव परिवार को भोग लगाकर गरीबों में बांट दें। फिर सारा परिवार मिलकर इस प्रसाद का सेवन करें। ऐसा करने से पारिवारिक सदस्यों में प्रेम और सौहार्द बढ़ेगा। घर-परिवार से रुठी शांति व खुशहाली फिर से लौट आएगी। जिस घर में लड़ाई-झगड़े की स्थिति हमेशा बनी रहती है, वहां ये उपाय रामबाण का काम करेगा।

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लाल मसूर की दाल का दान करें और शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से कर्जों से मिुक्ति मिलेगी।

यदि आपके बच्चों के किसी भी काम में बाधा आ रही है तो आज के दिन व्रत अवश्य करें।

शिवलिंग पर लाल रंग के फूल चढ़ाएं। इससे मंगल ग्रह के दोष दूर होंगे। जीवन में चल रहा अमंगल मंगल में परिवर्तित होगा।

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शिवलिंग जितना पुराना होगा लाभ उतना ही अधिक होता है। पारद शिवलिंग पर अभिषेक करने से लाभ तुरंत व सहस्त्र गुण होता है। रुद्राभिषेक का फल बहुत शीघ्र प्राप्त होता है। वेदों में इसकी महानता का उल्लेख है परंतु रुद्राभिषेक करने से पूर्व कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कृष्णपक्ष की प्रतिपदा चतुर्थी, पंचमी, अष्टमी, एकादशी, द्वादशी, अमावस्या, शुक्लपक्ष की द्वितीय पंचमी, षष्ठी, नवमी, द्वादशी, त्रयोदशी तिथि में अभिषेक करने से सुख-समृद्धि, संतान प्राप्ति व ऐश्वर्य प्राप्त होता है। कालसर्प योग, गृह-क्लेश, व्यापार में नुक्सान, शिक्षा में रुकावट सभी बाधाओं को दूर करने में रुद्राभिषेक लाभकारी है।

 

 

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