Edited By Sarita Thapa,Updated: 04 Nov, 2025 06:00 AM

दोस्ती जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, लेकिन हर मित्र आपके लिए लाभकारी नहीं होता। कुछ लोग हमारे जीवन में ऐसे आते हैं, जो न केवल हमारी प्रगति में बाधा डालते हैं, बल्कि हमारी मानसिक शांति को भी प्रभावित करते हैं।
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Chanakya Niti: दोस्ती जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, लेकिन हर मित्र आपके लिए लाभकारी नहीं होता। कुछ लोग हमारे जीवन में ऐसे आते हैं, जो न केवल हमारी प्रगति में बाधा डालते हैं, बल्कि हमारी मानसिक शांति को भी प्रभावित करते हैं। चाणक्य नीति हमें ऐसे मित्रों की पहचान करने और उनसे दूरी बनाने की सीख देती है, ताकि हम अपने जीवन में सकारात्मकता और सफलता बनाए रख सकें।

ईर्ष्यालु मित्र
चाणक्य के अनुसार, यदि आपका मित्र हमेशा आपकी सफलता से जलता है और आपकी खुशियों को देखकर खुद को दुखी महसूस करता है, तो यह संकेत है कि वह मित्र आपके लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे मित्र से दूरी बनाना ही समझदारी है।
विश्वासघाती मित्र
चाणक्य नीति के अनुसार, सच्चे मित्र वह होते हैं जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं। यदि कोई मित्र बार-बार आपके राज़ दूसरों को बताता है या आपका फायदा उठाने की कोशिश करता है, तो उसे अपने जीवन से दूर रखना चाहिए।

नकारात्मक और आलोचनात्मक मित्र
जो व्यक्ति हमेशा नकारात्मक बातें करता है और आपके प्रयासों की आलोचना करता है, वह आपकी उन्नति में बाधा डाल सकता है। ऐसे मित्र से दूरी बनाना मानसिक शांति के लिए जरूरी है।
स्वार्थी मित्र
कुछ लोग केवल अपने लाभ के लिए ही दोस्ती करते हैं। यदि मित्र केवल तभी आपके पास आता है जब उसे कुछ चाहिए, तो यह स्पष्ट संकेत है कि उसका दोस्ती का इरादा स्वार्थी है।
सच्चाई न मानने वाला मित्र
जो मित्र आपके सुझावों और चेतावनियों को नजरअंदाज करता है और बार-बार गलत रास्ते पर चलता है, उससे दूरी बनाना ही बेहतर है।
