Chanakya Niti: इन कामों से बनाए रखें दूरी, वरना...

Edited By Updated: 04 Jan, 2022 02:13 PM

chanakya niti in hindi

हमारे देश में ऐसी बहुत से शख्सियतें हैं जिन्हें उनके नाम से ज्यादा उनके काम, साहस, ज्ञान, बुद्धि आदि के लिए जाना जाता है। इस सूची में कई नाम शामिल हैं, जिनमें से एक है आचार्य चाणक्य।

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हमारे देश में ऐसी बहुत से शख्सियतें हैं जिन्हें उनके नाम से ज्यादा उनके काम, साहस, ज्ञान, बुद्धि आदि के लिए जाना जाता है। इस सूची में कई नाम शामिल हैं, जिनमें से एक है आचार्य चाणक्य। बताया जाता है आचार्य चाणक्य एक ऐसे विद्वान व नीतिकार थे जिनकी नीतियां प्राचीन समय में तो प्रासंगिक थी ही, बल्कि वर्तमान समय में भी लोग अपने जीवन में सफलता पाने के लिए तथा जीवन को बेहतर बनाने के लिए इनकी नीतियों को अपनाते हैं। हमेशा की तरह आज भी अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कि आचार्य चाणक्य द्वारा बताई मां लक्ष्मी से जुड़ी नीति। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में आदर सम्मान तभी प्राप्त होता है जब वो श्रेष्ठ कार्यों को करता है। तो वहीं ये भी कहा जाता है कि उत्तम गुणों को अपनाने वाला, गलत आचरण से दूर रहने वाला, सफलता पाने के लिए गलत रास्तों को न अपनाने वाला आदि व्यक्ति न केवल जीवन में सफल होता है बल्कि उस पर देवी लक्ष्मी की अपार कृपा पाता है। परंतु इसके विपरीत कार्य करने वाला व्यक्ति हमेशा इनकी कृपा से वंचित रहता है। तो आइए जानते इस आर्टिकल में उन कार्यों के बारे में जिनसे दूर रहने वालों पर देवी लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।

आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार जो व्यक्ति कभी दूसरों की बुराई नहीं करता, न ही किसी के बुराई सुनने में विश्ववास रखता है, ऐसा व्यक्ति कभी जीवन में असफल नहीं होता। यदि इन्हें जीवन में कभी सफलता मिल भी जाए तो अधिक समय तक सफलता इनका साथ निभाती है। परंतु इसके विपरीत करने वाला व्यक्ति न तो सफलता प्राप्त कर पाता है न ही उन पर देवी लक्ष्मी कभी प्रसन्न होती है। ये भी कहा जाता है जो व्यक्ति निरंतर बुराई सुनता या करता है वह सदैव नकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है। जिस कारण उनका जीवन बर्बाद होने लगता है। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को कभी किसी दूसरे के धन पर नजर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करना धार्मिक ग्रंथों में अच्छा नहीं माना जाता है। कहते हैं जो लोग दूसरों के धन पर बुरी दृष्टि रखते हैं, उसके जीवन में कभी सुख-शांति प्राप्त नहीं होती। इसलिए आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में कहा है कि समय रहते अपनी इस आदत से छुटकारा पा लेना चाहिए। 

इसके अतिरिक्त आचार्य का माना है कि मानव शरीर बेहद अनमोल है। इसलिए इसकी सुंदरता का कायम रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। आज कल के समय में लोग नशा आदि करके अपने शरीर को तबाह कर लेता है। कहा जाता है वो अपने सेहत के साथ-साथ धन हानि भी पाते हैं। क्योंकि नशा, तन, मन और धन तीनों की नाश करता है। इतना ही नहीं ये व्यक्ति की प्रतिभा और कुशलता को भी नष्ठ करत देता है। और सबसे बड़ी चीज़, नशा करने वाले व्यक्ति पर देवी लक्ष्मी कभी प्रसन्न नहीं होती है। इसलिए इससे दूर रहना चाहिए। 


 

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