Niti Shastra: ‘नीम’ कभी ‘आम’ नहीं बन सकता

Edited By Jyoti,Updated: 31 Oct, 2022 01:20 PM

chanakya niti in hindi

आचार्य चाणक्य के नीति सूत्र में मानव जीवन में अगिनत नीतियां वर्णित है। इसीलिए कोई इस ग्रंथ में वर्णति तमाम नीतियों को एक बार में जान समझ लें ये मुमकिन नहीं। चूंकि कहा जाता है कि इसमें उल्लेखित नीतियां इतनी उपयोगी हैं हर कोई इनके बारे में जानने की...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आचार्य चाणक्य के नीति सूत्र में मानव जीवन में अगिनत नीतियां वर्णित है। इसीलिए कोई इस ग्रंथ में वर्णति तमाम नीतियों को एक बार में जान समझ लें ये मुमकिन नहीं। चूंकि कहा जाता है कि इसमें उल्लेखित नीतियां इतनी उपयोगी हैं हर कोई इनके बारे में जानने की उत्सुक्ता रखता है। अपने पाठकों की इसी इच्छा के मद्देनज़र हम आपको लगातार अपनी वेबसाइट के माध्यम से चाणक्य नीति सूत्र की नीतियों से अवगत करवाते रहते हैं, इसी कड़ी में एब बार फिर हम आपके लिए लाएं चाणक्य नीति के विभिन्न श्लोक, जो मानव जीवन से संबंध रखते हैं। तो आइए बिना देर किए जानते हैं कि क्या कहते है आचार्य चाणक्य के नीति सूत्र के ये श्लोक- 

PunjabKesari
चाणक्य नीति श्लोक- 
शास्त्रप्रधाना लोकवृत्ति:।
शास्त्रों के अनुकूल हो ‘लोक व्यवहार’
भावार्थ : हमारे शास्त्रों में प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अनेक वर्षों तक एकांत में चिंतन करके मानव समाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए समय-समय पर सैंकड़ों नियम बनाए थे।वे उनके अनुभवों के निचोड़ थे। हमें अपने लोक व्यवहार में उन्हीं श्रेष्ठ नियमों का पालन करना चाहिए, तभी हम समाज में सम्मान के पात्र हो सकते हैं।

चाणक्य नीति श्लोक- 
परगृहमकारणतो न प्रविशेत्।
अकारण किसी के घर में प्रवेश न करें
जब तक कोई कारण न हो, तब तक किसी के घर में बिना वजह प्रवेश न करें। ऐसा करने से आपका अपमान भी हो सकता है।
Chanakya Niti In Hindi, Chanakya Gyan, Chanakya Success Mantra In Hindi, चाणक्य नीति-सूत्र, Acharya Chanakya, Chanakya Niti Sutra, Dharm, Punjab Kesari
चाणक्य नीति श्लोक- 
न चागतं सुखं परित्यजेत्।
जो ‘सुख’ मिला है, उसे न छोड़ें
भावार्थ : भविष्य में अधिक सुख मिलेगा, ऐसा सोच कर जो सुख वर्तमान में पास है, उसे नहीं गंवाना चाहिए। ‘आधी को छोड़े, सारी को धावे। आधी मिले न पूरी पावे।’

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari
चाणक्य नीति श्लोक- 
स्वयमेव दु:खमधिगच्छति।
‘मनुष्य’ स्वयं दुखों को बुलाता है
भावार्थ : जो जैसे कर्म करता है, उसी के अनुसार जीवन में दुख-सुख प्राप्त होते हैं। जो निकम्मा है, आलसी और कामचोर है, उसे सभी तरह के दुख और कष्ट घेर लेते हैं।


चाणक्य नीति श्लोक- 
संस्कृत: पिचुमन्दो न सहकारो भवति।
‘नीम’ कभी ‘आम’ नहीं बन सकता
अर्थ तथा भावार्थ : जिस प्रकार शुद्ध किया हुआ नीम भी आम नहीं बन सकता, उसी प्रकार घटिया प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को कितना भी पढ़ाओ-समझाओ, ऊंच-नीच दिखाओ, वह घटिया ही रहता है। उससे सद्विचारों और मधुर वाणी की कामना नहीं करनी चाहिए।
PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!