Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Sep, 2025 07:00 AM

Dauji Mandir Gomat: अलीगढ़ जिले में स्थित गौमत गांव अपनी धार्मिक मान्यताओं और ऐतिहासिक महत्व के कारण खास पहचान रखता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम यहां गाय चराने आया करते थे
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Dauji Mandir Gomat: अलीगढ़ जिले में स्थित गौमत गांव अपनी धार्मिक मान्यताओं और ऐतिहासिक महत्व के कारण खास पहचान रखता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम यहां गाय चराने आया करते थे, जिससे यह स्थान ब्रजभूमि की प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हो गया है।
गांव में एक बेहद प्राचीन मंदिर स्थित है, जहां दाऊजी और उनकी माता रेवती की सुंदर काली पत्थर की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर की उम्र लगभग 500 से 600 साल बताई जाती है। यहां दूर-दराज से श्रद्धालु पूजा और दर्शन के लिए आते हैं, खासकर जब कोई मन्नत पूरी होती है तो लोग चांदी से बना सतिया चढ़ाकर अपनी आस्था जताते हैं।
इतिहास और निर्माण
मंदिर का निर्माण भामाशाह के वंशज गैलाशाह ने कराया था। इस मंदिर की वास्तुकला अलग ही अंदाज में बनी है, जिसे राजस्थान से आए कारीगरों ने तैयार किया था। पत्थर और नक्काशी दोनों ही राजस्थान की विशेष शैली को दर्शाते हैं।
पूर्व का महत्व और परंपराएं
गौमत गांव पहले ब्रज चौरासी कोस यात्रा के मुख्य रास्ते पर पड़ता था, लेकिन चकबंदी के बाद यह रास्ता बदल गया और गांव थोड़ा अलग-थलग पड़ गया। पुराने समय में यहां घना जंगल और एक तालाब हुआ करता था। हर साल देवछठ के मौके पर यहां विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों से भी भक्त शामिल होते हैं। मंदिर का संचालन वर्तमान में मित्तल परिवार द्वारा किया जा रहा है, और यहां की परंपराएं आज भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।