नरक चतुर्दशी व दिवाली पर बन रहा ये संयोग करेगा धमाल, श्रीकृष्ण की पूजा से मिलेगा लाभ

Edited By Updated: 22 Oct, 2022 04:39 PM

diwali 2022

दिवाली का त्योहार आने को केवल 2 दिन बाकि हैं, जी हां आने वाली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को ये पर्व न केवल देश में बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोनें-कोनें में मनाया जाएगा। बता दें दिवाली का ये त्योहार धनतेरस से पर्व से आरंभ होता है। इसके बाद नरक चतुर्दशी आती...

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दिवाली का त्योहार आने को केवल 2 दिन बाकि हैं, जी हां आने वाली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को ये पर्व न केवल देश में बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोनें-कोनें में मनाया जाएगा। बता दें दिवाली का ये त्योहार धनतेरस से पर्व से आरंभ होता है। इसके बाद नरक चतुर्दशी आती है और फिर दिवाली मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, छोटी दिवाली और नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन  इस साल तिथियों का ऐसा संयोग बना है कि इस बार दिवाली और छोटी दिवाली आप एक साथ मनाएंगे। जी हां दरअसल होता यह है कि आमतौर पर दिवाली से एक दिन पहले चतुर्दशी के दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है और कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है लेकिन इस साल चतुर्दशी और अमावस्या दोनों का ऐसा संयोग बन गया है कि जिससे छोटी दिवाली के दिन ही दिवाली भी मनाई जाएगी। जबकि धनतेरस इस बार 23 अक्टूबर को मनाई तो ऐसे में आज हम आपको छोटी दिवाली और दिवाली दोनों के शुभ मुहूर्त के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं और साथ ही बताएंगे कि दिवाली की रात क्या करना चाहिए। 
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यहा जानें छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि का आरंभ 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर होगा। और इसका समापन अगले दिन शाम 05 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से छोटी दिवाली 24 अक्टूबर, दिन सोमवार को मनाई जाएगी। वहीं इस दिन अभ्यंग स्नान मुहूर्त प्रातः 05 बजकर 06 मिनट से सुबह 06 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

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दिवाली का शुभ मुहूर्त-  
पंचांग के मुताबिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी। और अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि 25 अक्टूबर को शाम में यानी प्रदोष काल लगने से पहले ही अमावस्या तिथि समाप्त हो रही है। ऐसे में दिवाली का पर्व इस दिन नहीं, बल्कि 24 अक्टूबर, दिन सोमवार को मनाया जाएगा। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार जिस दिन शाम में और मध्य रात्रि में अमावस्या होती है उसी दिन दिवाली मनाते हैं। तो ऐसे में नरक चतुर्दशी और दिवाली के इस खास संयोग में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की पूजा से धन-सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होगी। इसी के साथ बताते चलें कि इस दिन प्रदोष काल का मुहूर्त शाम 05 बजकर 43 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। तो वही लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रात 06 बजकर 53 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त 24 अक्टूबर को रात 11 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
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दिवाली की रात क्या करें- 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर विचरण करते हैं। जिन घरों में हर तरफ साफ-सफाई, सजावट और प्रकाश रहता है वहां पर मां लक्ष्मी अपने अंश रूप में निवास करने लगती हैं। घर पर लक्ष्मी का वास होने पर वहां पर सदैव सुख-समृद्धि,धन-दौलत और शांति बनी रहती है। तो ऐसे में दीपावली के पावन अवसर पर घर को साफ-सुथरा रखें और दिवाली की रात घर के हर एक हिस्से में घी और तेल का दीपक जलाकर घर को रोशन करें, इससे धन की देवी मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और घर में धन के भंडार भरती है।
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