Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Oct, 2025 02:01 PM

Dronagiri village: उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ प्रखंड में स्थित द्रोणागिरी गांव हिमालय की ऊंची चोटियों में बसा एक ऐतिहासिक स्थल है। यह गांव लगभग 14,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य में अद्वितीय है। यहां सदियों से...
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Dronagiri village: उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ प्रखंड में स्थित द्रोणागिरी गांव हिमालय की ऊंची चोटियों में बसा एक ऐतिहासिक स्थल है। यह गांव लगभग 14,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य में अद्वितीय है। यहां सदियों से हनुमानजी की पूजा पर रोक है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी ने यही से संजीवनी पर्वत उठाकर लक्ष्मण जी के लिए ले जाया था, जिसके कारण गांव में लाल झंडा लगाने पर भी पाबंदी है।
The story of Sanjeevani herb and Hanuman संजीवनी बूटी और हनुमान जी की कथा
रामायण के अनुसार, जब लक्ष्मण जी पर शक्तिबाण चला और वे बेहोश हो गए, तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने द्रोणागिरी गांव पहुंचे।
हनुमान जी को संजीवनी बूटी का स्थान पहचाना नहीं गया। गांव में उन्हें एक वृद्ध महिला दिखाई दी, जिसने संजीवनी बूटी वाले पर्वत की ओर इशारा किया। हनुमान जी पर्वत का एक बड़ा हिस्सा तोड़कर उड़ते हुए लंका ले गए।
हालांकि, वृद्धा ने उनकी मदद की लेकिन गांव के लोगों ने उन्हें सामाजिक बहिष्कार कर दिया। तब से द्रोणागिरी गांव में महिलाओं के हाथ का दिया प्रसाद पूजा में स्वीकार नहीं किया जाता और महिलाएं इस पूजा में भाग नहीं लेती।

Cultural and religious significance सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
द्रोणागिरी गांव का यह इतिहास बताता है कि रामायण कालीन घटनाओं का प्रभाव आज भी स्थानीय परंपराओं और सामाजिक रीति-रिवाजों में दिखाई देता है। यहां की पूजा पर महिलाएं शामिल नहीं होतीं। हनुमानजी की पूजा पर पाबंदी अब तक बनी हुई है। गांव में कई चमत्कारी जड़ी-बूटियां और प्राकृतिक औषधीय पौधे पाए जाते हैं।

The connection between Sanjeevani Mountain and Sri Lanka संजीवनी पर्वत और श्रीलंका का संबंध
हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लंकाई पर्वत से लेकर लक्ष्मण जी तक पहुंचाई। माना जाता है कि यह वही पर्वत है जिसे आज श्रीलंका के एडम्स पीक (Sri Pada) या रहुमाशाला कांडा कहा जाता है। यह पर्वत लगभग 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पर्वत पर एक मंदिर भी बना हुआ है। यहां का दृश्य और प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है।
हनुमान जी की इस वीरता के कारण लक्ष्मण जी के प्राण सुरक्षित हुए लेकिन द्रोणागिरी गांव के लोगों का हनुमान जी के प्रति क्रोध आज तक स्थानीय परंपराओं में झलकता है।
Tourism and attractions पर्यटन और दर्शनीय स्थल
द्रोणागिरि गांव प्राकृतिक दृष्टि से आकर्षक है। हिमालय की ऊंचाई और पर्वतीय दृश्य मंत्रमुग्ध करते हैं। जैविक और औषधीय जड़ी-बूटियां यहां की मुख्य विशेषताएं हैं। रामायण कालीन पौराणिक महत्व है, जिससे पर्यटकों और इतिहासकारों के लिए यह स्थल धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से अद्वितीय है।
