Edited By Sarita Thapa,Updated: 08 Sep, 2025 06:02 AM

Ganesh Ji Mandir: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी अपनी खास और अनोखी परंपराएं और इतिहास होता है। ऐसा ही गणेश जी का एक मंदिर इंदौर में स्थापित है। इस मंदिर का नाम खजराना गणेश मंदिर है। यहां पर गणेश जी मूर्ति हीरों से सजाई गई है।
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Ganesh Ji Mandir: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी अपनी खास और अनोखी परंपराएं और इतिहास होता है। ऐसा ही गणेश जी का एक मंदिर इंदौर में स्थापित है। इस मंदिर का नाम खजराना गणेश मंदिर है। यहां पर गणेश जी मूर्ति हीरों से सजाई गई है। यह प्रतिमा अपनी अनोखी बनावट और शाही सजावट के कारण बहुत मशहूर है। इस मंदिर की खासियत सिर्फ इसके भव्य स्वरूप में नहीं, बल्कि इसके पीछे छुपे इतिहास में भी है जो इसे और भी रोचक बनाता है। माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु पूरे श्रद्धा-भाव के साथ इस मंदिर में दर्शन के लिए आता है उसके जीवन में आने वाली हर बाधाएं दूर होती है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में-

खजराना गणेश मंदिर का इतिहास
इंदौर का ये गणेश मंदिर हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1735 को मराठा शासक रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था। गणेश जी की यह हीरे वाली प्रतिमा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कला और शिल्प कौशल का भी बेहतरीन नमूना है। यहां आने वाले श्रद्धालु इस अनूठी मूर्ति को देखकर काफी प्रभावित होते हैं। बुधवार और रविवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर की देखभाल भी बहुत ध्यान से की जाती है ताकि यह विरासत आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे।

खजराना गणेश मंदिर के उल्टा स्वास्तिक चिन्ह की विशेषता
इस मंदिर की सबसे खास बात है यहां पर पाए जाने वाला उल्टा स्वास्तिक चिन्ह, जो अक्सर लोगों के बीच एक चर्चा का विषय बनता है। स्वास्तिक चिन्ह आमतौर पर दाएं से घूमता हुआ बना होता है और इसे शुभता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। लेकिन खजराना गणेश मंदिर में उल्टा यानी बाएं घूमने वाला स्वास्तिक देखने को मिलता है। माना जाता है कि इस मंदिर में उल्टा स्वास्तिक चिन्ह बनाने से हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में आने वाली हर बाधाएं भी टल जाती है।
