रामायण काल से जुड़ा है गोवा का इतिहास

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Jul, 2020 10:43 AM

goas history is associated with the ramayana period

15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था, लेकिन गोवा इसके बाद भी करीब 94 वर्षों तक पुर्तगालियों का गुलाम बना रहा। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने गोवा की आजादी का सिंहनाद किया था,

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ramayana: 15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था, लेकिन गोवा इसके बाद भी करीब 94 वर्षों तक पुर्तगालियों का गुलाम बना रहा। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने गोवा की आजादी का सिंहनाद किया था, जिसके बाद एक व्यापक आंदोलन की शुरूआत हुई। 19 दिसम्बर  1961 को भारतीय सेना ने सशस्त्र ऑप्रेशन शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप गोवा को पुर्तगाल के आधिपत्य से मुक्त कराकर भारत में मिला लिया गया। इसलिए 19 दिसम्बर को गोवा मुक्ति संग्राम, गोवा मुक्ति आंदोलन व गोवा मुक्ति संघर्ष के रूप में मनाया जाता है।

PunjabKesari Goas history is associated with the Ramayana period

गोवा का प्रथम वर्णन रामायण काल में मिलता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सरस्वती नदी के सूख जाने के कारण उनके किनारे बसे हुए ब्राह्मणों के पुनर्वास के लिए भगवान परशुराम ने समुद्र से शरसंधान किया। ऋषि का सम्मान करते हुए समुद्र ने उस स्थान को अपने क्षेत्र से मुक्त कर दिया। वह पूरा स्थान कोर्कण कहलाया और इसका दक्षिण भाग गोपपुरी कहलाया जो वर्तमान में गोवा है। भारत के लिए गोवा बेहद अहम था। अपने छोटे आकार के बावजूद यह बड़ा ट्रेड सैंटर था और मर्चेंट्स, ट्रेडर्स को आकर्षित करता था। लाइम लोकेशन की वजह से गोवा की तरफ मौर्य, सातवाहन और भोज राजवंश भी आकर्षित हुए थे। 

PunjabKesari Goas history is associated with the Ramayana period

गौरतलब है कि 1350 ई. पू. में गोवा बाहमानी सल्तनत के अधीन चला गया। लेकिन 1370 में विजय नगर साम्राज्य ने इस पर फिर से शासन जमा लिया। विजय नगर साम्राज्य ने एक सदी तक इस पर तब तक आधिपत्य जमाए रखा जब तक कि 1469 में बाहमानी सल्तनत ने फिर से इस पर कब्जा नहीं जमा लिया।

PunjabKesari Goas history is associated with the Ramayana period

1498 में पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा के आने के बाद गोवा, पुर्तगालियों की दृष्टि में आया। 17वीं शताब्दी के पूर्वाद्र्ध तक यहां पुर्तगालियों का कब्जा हो गया था। पुर्तगाली, भारत आने वाले पहले (1590) और  यहां उपनिवेश छोडऩे वाले आखिरी (1969) यूरोपीय शासक थे। गोवा में उनका 459 साल तक शासन रहा जो अंग्रेजों से काफी अलग था।

PunjabKesari Goas history is associated with the Ramayana period

पुर्तगाल में एक कहावत है कि जिसने गोवा देख लिया उसे लिस्बन देखने की जरूरत नहीं है। पुर्तगाल ने गोवा को ‘वाइस किंगडम’ का दर्जा दिया था और यहां के नागरिकों को ठीक वैसे ही अधिकार हासिल थे जैसे पुर्तगाल में वहां के निवासियों को मिलते हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि सरकार गोवा में पुर्तगाल की मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं करेगी। भारत ने पुर्तगाल को बाहर करने के लिए गोवा, दन और दीव के बीच में ब्लॉक्ड कर दिया।

पुर्तगाल ने मामले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की पूरी कोशिश की लेकिन यथास्थिति बरकरार रखी गई थी। 18 दिसम्बर 1969 को भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव पर चढ़ाई कर दी। इसे ऑप्रेशन विजय का नाम दिया गया। इसमें वायुसेना, जलसेना एवं थल सेना तीनों ने भाग लिया। भारतीय सैनिकों की टुकड़ी ने गोवा के बार्डर में प्रवेश किया और अंतत: पुर्तगाल से गोवा को मुक्त कराकर अपनी सीमा में मिला लिया। पुर्तगाल के गवर्नर जनरल वसालो इ सिल्वा ने भारतीय सेना प्रमुख पी.एन. थापर के सामने सरैंडर किया।

30 मई 1987 को गोवा को राज्य का दर्जा दे दिया जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश बने रहे। ‘गोवा मुक्ति दिवस’ प्रतिवर्ष ‘19 दिसम्बर’ को मनाया जाता है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!