Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Sep, 2025 07:00 PM

Grahan in september 2025: ग्रहण लगने से पहले और दो दिन बाद तक के संक्रमण काल में कोई शुभ अथवा अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य, विवाह, निर्माण,नए व्यवसाय का आरंभ, सगाई, लंबी अवधि का निवेश, मकान का सौदा या एडवांस, आंदोलन, धरना- प्रदर्शन आदि नहीं करना चाहिए...
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Grahan in september 2025: ग्रहण लगने से पहले और दो दिन बाद तक के संक्रमण काल में कोई शुभ अथवा अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य, विवाह, निर्माण,नए व्यवसाय का आरंभ, सगाई, लंबी अवधि का निवेश, मकान का सौदा या एडवांस, आंदोलन, धरना- प्रदर्शन आदि नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके सफल होने में संदेह रहता है। बहुत से लोग ग्रहण को मात्र एक खगोलीय घटना ही मानते हैं और इसमें किसी भी प्रकार की सावधानी बरतने को अंधविश्वास या दकियानूसी करार देते हैं। यह उनकी मान्यता हो सकती है परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से भी ग्रहण के समय विकिरण के कारण आंखों, रक्त संचार, रक्तचाप और खाद्य पदार्थों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
Grahan in september 2025 Time: पितृ पक्ष 2025 का आरंभ 7 सितंबर से होगा, जो 21 सितंबर तक रहेगा। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत और अंत दोनों ग्रहण के साथ होने जा रहे हैं। ज्योतिष विद्वानों का कहना है, ऐसा संयोग 100 साल बाद बन रहा है। 7 सितंबर को पितृ पक्ष के आरंभ के साथ वर्ष 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। 21 सितंबर को पितृ पक्ष की समाप्ति के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा।

What to do and what not to do during eclipse ग्रहण पर क्या करें क्या नहीं
घर से बाहर न निकलें।
सूतक तथा ग्रहण काल में मूर्त स्पर्श, अनावश्यक खाना पीना, संसर्ग आदि से बचना चाहिए।
ग्रहण काल में चंद्रमा अथवा सूर्य को सीधे न देखा जाए।
खुले में खाद्य सामग्री न रखें।
संक्रमण व विकिरण से बचने के लिए तुलसी का प्रयोग करें।
ग्रहण काल में गर्भवती होने से जन्म लेने वाली संतान पर शारीरिक प्रभाव पड़ता है।
ग्रहण के दौरान पूजा न करें।
ग्रहण काल में महामृत्युंजय का पाठ करने से ग्रहण का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा एवं अनेकों रोगों से मुक्ति मिलेगी।

Pregnant women should be cautious गर्भवती महिलाएं रहें सावधान
यह हिदायतें कपोल कल्पनाएं नहीं हैं बल्कि जीवन का अटूट सच है जिसे गर्भवती स्त्रियों को स्वीकार करना चाहिए। ऐसा करने से स्वाभाविक रूप से स्वस्थ, सुन्दर और विचारवान संतान होगी।

गर्भवती महिलाएं अधिक श्रम न करें।
कोई भी धार्मिक ग्रंथ पढ़ें।
नुकीली वस्तुओं से दूर रहें।
कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए।
ग्रहण को देखें नहीं।
सोना नहीं चाहिए।
खुजली नहीं करनी चाहिए।
क्रोध और तनाव को स्वयं पर हावी न होने दें। प्रसन्न रहें।
किसी के ऊपर हाथ न उठाएं विशेषकर किसी बालक पर।
झुकने वाले काम न करें।
योगासन अथवा व्यायाम नहीं करना चाहिए।
चाकू से किसी भी वस्तु को काटना नहीं चाहिए।
ताला अथवा कड़ी नहीं लगानी चाहिए।
नाड़ा नहीं बांधना चाहिए।
