Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Oct, 2025 05:00 AM

Guru Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है और जब गुरु अतिचारी गति से चलते हुए अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करते हैं, तो इसका प्रभाव और भी विशेष हो जाता है। 18 अक्टूबर 2025 को गुरु मिथुन राशि से...
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Guru Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है और जब गुरु अतिचारी गति से चलते हुए अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करते हैं, तो इसका प्रभाव और भी विशेष हो जाता है। 18 अक्टूबर 2025 को गुरु मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे, जिससे कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है। यह गोचर विशेष रूप से मेष, कन्या, और धनु राशि के जातकों के लिए बहुत ही शुभ फलदायी रहने वाला है।
अतिचारी गति क्या होती है ?
जब कोई ग्रह अपनी सामान्य चाल से बहुत तेज़ गति से चलता है, तो उसे अतिचारी गति कहा जाता है। इस वर्ष गुरु बृहस्पति अतिचारी होकर अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश कर रहे हैं। ज्योतिष में गुरु को ज्ञान, धर्म, धन, संतान, विवाह और भाग्य का कारक माना जाता है। उच्च राशि में होने से गुरु बहुत बलवान और शुभ फल देने वाले बन जाते हैं। यह गोचर, हालांकि कम समय के लिए रहेगा लेकिन अतिचारी गति के कारण यह अचानक और तेज़ बदलाव ला सकता है।
इन 3 राशियों की खुलेगी किस्मत
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए, गुरु का यह गोचर उनके चतुर्थ भाव में होगा। आपके भौतिक सुखों में भारी वृद्धि होने के योग बनेंगे। आप नया वाहन या प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। माता के साथ संबंध मजबूत होंगे और घर का वातावरण शांतिपूर्ण व खुशनुमा रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और समाज में सकारात्मक छवि बनेगी। आपको अपने काम से मानसिक संतोष मिलेगा।

कन्या राशि
कन्या राशि के लिए, गुरु आपके एकादश भाव में गोचर करेंगे, जिसे ज्योतिष में सबसे शुभ स्थानों में से एक माना जाता है। आपकी आमदनी में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। धन लाभ के नए-नए स्रोत खुलेंगे और कई स्रोतों से पैसा आने के योग बनेंगे। नौकरीपेशा जातकों को मनचाही जगह पर नौकरी मिल सकती है या उन्हें कोई बड़ा प्रमोशन मिल सकता है। कारोबारियों को किस्मत का पूरा साथ मिलेगा और उनके कारोबार की स्थिति तेज़ी से बेहतर होती चली जाएगी। यह गोचर आपके सभी आर्थिक मामलों के लिए अत्यंत शुभ है।
धनु राशि
धनु राशि के स्वामी स्वयं गुरु बृहस्पति हैं और यह गोचर उनके अष्टम भाव में होगा। हालांकि अष्टम भाव को सामान्यतः अच्छा नहीं माना जाता लेकिन गुरु अपने स्वामी को शुभ फल ही देते हैं। गुरु की दृष्टि लग्न भाव पर होने से आपका आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ेगा। आप अधिक परिपक्व और विनम्र नज़र आएंगे।
आपको अचानक धन लाभ हो सकता है। पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों में या विरासत से लाभ मिलने के प्रबल योग हैं। जो जातक रिसर्च या ज्योतिष जैसे गूढ़ विषयों से जुड़े हैं, उन्हें बड़ी सफलता मिल सकती है। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा। विवाह योग्य जातकों के लिए अच्छे रिश्ते आ सकते हैं।
