Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Jul, 2025 07:36 AM

Guru Purnima 2025: गुरुब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरा। गुरु: साक्षातपरब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:॥
सनातन पद्यति में गुरु की महिमा व महानता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरु को भगवान से भी बढ़कर दर्जा दिया गया है। जब-जब भगवान ने...
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Guru Purnima 2025: गुरुब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरा। गुरु: साक्षातपरब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:॥
सनातन पद्यति में गुरु की महिमा व महानता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरु को भगवान से भी बढ़कर दर्जा दिया गया है। जब-जब भगवान ने इस धरा पर मानव रूप में अवतार लिया, तब-तब उन्होंने भी गुरु की शरण गहि।
शुकदेव जी, जो अनेक शास्त्रों के ज्ञाता थे तथा सशरीर किसी भी धाम में प्रवेश कर सकते थे, उन्हें भी धामों से वापस लौटा दिया गया क्योंकि वह निगुरे थे अर्थात उन्होंने गुरु की शरण प्राप्त नहीं की थी। रामायण में भगवान राम ने नवधा भक्ति का उल्लेख किया है, जो गुरु की महिमा को दर्शती है।

गुरु महिमा का महत्व तब से पड़ गया था जब से गुरु-शिष्य की परम्परा बनी। इस महिमा को और भी विस्तार दिया महर्षि वेद व्यास जी ने। इस कारण आषाढ़ मास की पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से एक पर्व की भांति मनाई जाती है। जिस प्रकार से अनेकों दिन किसी न किसी विशेषता से जुड़े हैं, उसी प्रकार गुरु पूर्णिमा सद्गुरु देव जी को समर्पित पर्व है। गुरु महिमा अनंत एवं असीम है। कबीर जी के शब्दों में : सब धरती काजग करूं, लेखनी सब वनराए। सात समुद्र की मसि करूं, गुरु गुण लिखा न जाए॥