Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 04:29 PM
हिंदू धर्म व परंपराओं के अनुसार हर बात को लेकर कई रस्म-रिवाज बने हुए हैं। उनमें से कई रीति-रिवाज शादी को लेकर प्रचलित है। शादी में होने वाले एेसे कई रिवाज हैं जिन्हें लेकर व्यक्ति के मन में अजीब-गजीबो डर बने रहते हैं। उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण...
हिंदू धर्म व परंपराओं के अनुसार हर बात को लेकर कई रस्म-रिवाज बने हुए हैं। उनमें से कई रीति-रिवाज शादी को लेकर प्रचलित है। शादी में होने वाले एेसे कई रिवाज हैं जिन्हें लेकर व्यक्ति के मन में अजीब-गजीबो डर बने रहते हैं। उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण हल्दी की रस्म को माना जाती है। इस रस्म को लेकर यह परंपरा प्रचिलत है कि हल्दी लगने के बाद दूल्हा-दूल्हन को घर से बाहर न निकलले देना या अकेला न छोड़ना। इसके बारे में लोंगो ने बहुत सी बातें बना रखी है। लेकिन इसके पीछे का सही कारण का बहुत कम लोग जानते हैं।
वास्तव में इस मान्यता के पीछे कोई अंधविश्वास नहीं है, क्योंकि हमारे बड़े-बूढ़ों हम से ज्यादा उम्र दराज और जिंदगी का अनुभव लिए हुए होते हैं और वे जानते थे कि हल्दी से शरीर की सुंदरता बढ़ती है और हर तरह के चर्म रोग व तन की दुर्गंध से भी निजात मिलने के साथ ही रूप निखर आता है, लेकिन हल्दी लगाने के बाद बाहर न निकलने के कई कारण हैं जैसे हल्दी में एक विशेष तरह की गंध होती है। जिसके कारण वातावरण में उपस्थित नकारात्मक और सकारात्मक सभी तरह की ऊर्जाएं उस व्यक्ति की तरफ तेजी से आकर्षित होती है। ऐसे में व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रुप से मजबूत नहीं होता है, तो नकारात्मक ऊर्जा उसे प्रभावित करती है। जिससे उसकी सोच में नैगेटीविटी आने की संभावना बढ़ सकती है।
वैज्ञानिक कारण
हल्दी लगाने के बाद सीधे धूप में निकलने पर त्वचा काली पड़ सकती है। साथ ही, इसका त्वचा पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसलिए यह परंपरा बनाई गई ताकि दूल्हा या दुल्हन को घर से बाहर न निकलने दें ताकि हल्दी अपना पूरा काम कर पाए और उनके सौंदर्य में निखार आए।