Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Feb, 2023 08:12 AM
फारस के संत नूरी अनल-हक मंत्र का जप करते और दूसरों को भी ऐसा ही करने को कहते। यह बात कट्टरपंथियों को बहुत बुरी लगी।
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Inspirational Story: फारस के संत नूरी अनल-हक मंत्र का जप करते और दूसरों को भी ऐसा ही करने को कहते। यह बात कट्टरपंथियों को बहुत बुरी लगी। वे लोग इस शिकायत को लेकर बादशाह के पास पहुंच गए परन्तु संत और उनके अनुयायियों पर इसका जरा भी असर नहीं हुआ। बादशाह ने नाराज होकर संत तथा उसके सभी अनुयायियों को गिरफ्तार करके उन्हें मृत्युदंड की सजा सुना दी।
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दंड के लिए नियत दिन सबको एक पंक्ति में खड़ा कर दिया गया। बादशाह ने जल्लाद से एक-एक करके सबका सिर तलवार से उड़ाने की आज्ञा की। जल्लाद जब पहले अनुयायी के पास गया और उसका सिर उड़ाने के लिए उसने ज्यों ही तलवार उठाई संत नूरी वहां जा पहुंचे और वह जल्लाद से बोला, ‘‘उतावले क्यों हो, मलंग ! तुम्हारी बारी आने पर तुम्हारा भी सिर कलम कर दिया जाएगा।’’
संत ने कहा, ‘‘मेरे गुरु ने मुझे नसीहत दी है कि दुनिया का हर इंसान एक समान है न कोई बड़ा है, न कोई छोटा, इसलिए हरेक के साथ भाई जैसा बरतना चाहिए, किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। जिस आदमी का सिर तुम काट रहे थे, वह भी खुदा द्वारा भेजा गया हुआ है; पहले मेरा सिर काटो और उसके बाद दूसरों पर तलवार उठाना।’’
जल्लाद ने सुना, तो सोचने लगा खुदा ने मुझे भी तो इस संसार में भेजा है, इसलिए ये सब मेरे भी तो भाई ही हुए और मैं जो इन भाइयों को मौत के घाट उतारने जा रहा हूं- यह ठीक नहीं।
उसने तलवार नीचे रख दी और बादशाह से कहा, ‘‘मैं अपने भाइयों का कत्ल करके नरक में नहीं जाना चाहता।
आप मेरा सिर उड़ा सकते हैं, मगर मैं इनका सिर नहीं उड़ा सकता। ’’ इन शब्दों का बादशाह पर बड़ा गहरा असर पड़ा। बादशाह ने संत से माफी मांगी और सबको सम्मान के साथ विदा किया।