Edited By Prachi Sharma,Updated: 08 Aug, 2025 08:13 AM

एक नौजवान व्यापारी अपनी लगन और कठोर परिश्रम के चलते शहर का सबसे धनी और सम्मानित व्यक्ति बन गया। बाद में घमंडी और लापरवाह हो गया। उसे व्यापार मेें घाटा हुआ और वह कर्जदार हो गया। एक दिन हताश होकर वह एक पार्क में बैठा था। वहां एक बुजुर्ग ने उसको उसकी...
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Inspirational Story: एक नौजवान व्यापारी अपनी लगन और कठोर परिश्रम के चलते शहर का सबसे धनी और सम्मानित व्यक्ति बन गया। बाद में घमंडी और लापरवाह हो गया। उसे व्यापार मेें घाटा हुआ और वह कर्जदार हो गया। एक दिन हताश होकर वह एक पार्क में बैठा था। वहां एक बुजुर्ग ने उसको उसकी चिंता का कारण पूछा। उसने अपनी पूरी स्थिति बयान कर दी।
यह सुनकर बुजुर्ग बोले, “मुझे तुम सच्चे और ईमानदार व्यक्ति लगते हो। यदि मैं तुम्हें 10 लाख रुपए का ब्याज रहित कर्ज दे दूं तो क्या तुम्हारी समस्या हल हो जाएगी?” युवक बोला, ‘‘ऐसा हो जाए तो मैं आजीवन आपका अहसानमंद रहूंंगा।’’

बुजुर्ग ने युवक को तुरंत 10 लाख रुपए का एक चेक दिया और कहा कि ठीक एक साल बाद हम यहीं मिलेंगे। तुम मुझे मेरी रकम लौटा देना।
युवक ने घर आकर सोचा कि उस भले व्यक्ति ने उस पर विश्वास करके चैक दिया है लेकिन इसे वह भुनाएगा नहीं और अपने धन से ही काम चलाएगा। उसका विश्वास किसी भी हालत में टूटने नहीं दूंगा। वह पूरे आत्मविश्वास से अपने काम में जुट गया। उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन के चलते उसका काम पहले से भी अच्छा चलने लगा।

निश्चित दिन युवक उसी पार्क में बुजुर्ग के दिए चैक के साथ पहुंच गया। वह व्यक्ति भी आ पहुंचा। परंतु पार्क में पहुंचने पर एक नर्स के साथ आए लोगों ने उसे बताया कि वह बुजुर्ग तो मानसिक रोगी है जो खुद को अमीर बताकर फर्जी चैक बांटता रहता है। युवक समझ गया कि मजबूत इच्छाशक्ति और लगन से बिगड़े हुए काम को दोबारा संवारा जा सकता है।
