Jupiter Transit 2023: 22 अप्रैल को गुरु करेंगे गोचर, कर्क राशि को व्यापार में आएंगी मुसीबतें

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Feb, 2023 08:04 AM

आज बात करेंगे गुरु के गोचर की। 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं।

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Jupiter Transit गुरु का राशि परिवर्तन: आज बात करेंगे गुरु के गोचर की। 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि 30 मार्च के आस-पास गुरु अस्त हो जाएंगे और 30 अप्रैल को दोबारा उदय होंगे। 30 अप्रैल को उदय होने के बाद गुरु 4 सितंबर को वक्री हो जाएंगे और 31 दिसंबर को पुन: मार्गी होंगे। कुंडली में 12 में से 9 घरों के ऊपर गुरु का प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले गुरु दूसरे,पांचवें, नौवें और ग्यारहवें घर के कारक ग्रह हैं। दूसरा घर धन स्थान होता है। पांचवें घर से संतान देखी जाती है। नौवां भाग्य स्थान होता है और ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। गुरु इन चारों भावों के कारक होते हैं। कुंडली में मीन और धनु राशि गुरु की होती है और गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। इस वजह से गुरु का गोचर बहुत ही मायने रखता है।

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कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर दसवें भाव से होगा क्योंकि दसवें भाव में मेष राशि है। फिलहाल कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु नौवें भाव से गोचर कर रहे हैं। ये शुभ गोचर होता है यानि गुरु जिन दो राशियों के मालिक हैं, आपकी कुंडली में छठा भाव और भाग्य स्थान वहां के गुरु शुभ फल कर रहे हैं। इसके साथ ही आपकी कुंडली में गुरु की महादशा या अंतर्दशा चल रही है तो उसका भी आपको शुभ परिणाम मिलेगा। 22 अप्रैल से जो गोचर होगा वो कर्क राशि के जातकों के लिए शुभ नहीं है लेकिन इसके बावजूद गुरु की दृष्टि जिन भावों पर पड़ेगी, उनके फल जरूर देखने को मिलेंगे।

गुरु जब दशम भाव से गोचर करेंगे तो ये दशम भाव को थोड़ा डिस्टर्ब करेंगे। जहां पर गुरु का गोचर होता है, वहां की स्थिति डिस्टर्ब हो जाती है। दशम भाव आपके पिता का भाव है, कर्म का, नौकरी का और आपके कारोबार का भाव है। हो सकता है यहां आपको थोड़ी सी दिक्कतों का सामना करना पड़े। भाग्य स्थान के फलों में कमी आ जाएगी। इसके बावजूद आपके धन का प्रवाह नहीं रुकेगा। कारण ये है कि गुरु जब दशम भाव से गोचर करते हैं तो दशम के ट्रायंगल को सक्रिय कर देते हैं और दशम का ट्रायंगल जो पहली दृष्टि पड़ेगी। गुरु की वो दूसरे भाव के ऊपर पड़ेगी। दूसरा भाग आपकी कुंडली में धन का भाव होता है। दूसरे भाव से कुटुंब का विचार किया जाता है। आपकी ईटिंग हैबिट्स भी दूसरे भाव से आती हैं। यहां पर गुरु की दृष्टि शुभ होती है।

पिता की सेहत को लेकर कोई दिक्कत हो सकती है लेकिन यदि मां की सेहत को लेकर कोई चिंता चल रही है तो उसका समाधान हो जाएगा क्योंकि गुरु की दृष्टि चौथे भाव के ऊपर पड़ेगी। यदि आप मकान या कोई प्रॉपर्टी खरदीना चाहते हैं, वहां पर भी इसका फायदा हो जाएगा।

गुरु की एक राशि पड़ी हुई है, छठे भाव में जो धनु राशि है वहां पर गुरु की दृष्टि जाएगी। जब ये गोचर करेंगे। जब गुरु की दृष्टि अपनी ही राशि के ऊपर जाएगी तो इस भाव के फलों को शुभ फल देगी। यदि आप कोई बीमारी से पीड़ित हैं तो वहां पर आपको राहत मिल सकती है। यदि कोर्ट केस से फिर कोई शत्रु परेशान कर रहा है तो वहां पर आपको विजय मिल सकती है। गुरु का ये गोचर हालांकि आपके लिए शुभ नहीं है, वो उन दो राशियों के शुभ फलों में कमी करेगा। जो आपकी कुंडली में गुरु के स्वामित्व वाली है लेकिन गुरु की दृष्टियां आपके लिए अच्छी है।

नरेश कुमार
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