Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी, 14 मई से सिंह राशि वालों का धन होगा डबल

Edited By Updated: 08 May, 2025 06:57 AM

बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे,  इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है

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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे,  इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है लेकिन इस बार जो गुरु की स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड से गोचर करेंगे। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु 15 मई को गोचर करेंगे, 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे और कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। मई में 14, 15 के आसपास ही दोबारा राशि बदलेंगे। ये एक साल का समय है लेकिन इस बार गुरु अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी मतलब शीघ्र गति है, शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। मिथुन में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक।

सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर जो है वह होगा 11वें भाव में। 11वां आपकी आय का भाव है, 11वें भाव में जब गुरु बैठेंगे तो तीन चीजें यहां पर करेंगे। जिनकी शादी नहीं हुई है उनकी शादी हो जाएगी। 11वें भाव में जब गुरु बैठेंगे तो यहां पर पांचवी दृष्टि देंगे। यदि छोटा भाई है तो उसके साथ आपकी ट्यूनिंग बेटर हो सकती है। यदि छोटे भाई को कोई समस्या है तो वहां पर चीजें हैं वो ठीक हो सकती हैं। गुरु जब यहां पर बैठेंगे तो सीधी दृष्टि जाएगी आपके फिफ्थ हाउस के ऊपर। यदि आपकी लाइफ में कोई नहीं है तो कोई व्यक्ति लाइफ में आ सकता है। संतान की वेट कर रहे हैं तो संतान जरूर आ सकती है क्योंकि पंचम सीधा गुरु के द्वारा एक्टिव है। गुरु इस भाव के कारक है, यदि शादी नहीं हुई है तो सप्तम एक्टिव है। तो निश्चित तौर पर सप्तम और पंचम के सिग्निफिकेंस एक्टिव है। आपके लिए गुरु का गोचर वैसे भी अच्छा है क्योंकि गुरु आपके लिए पंचम स्थान के स्वामी होकर 11वें में बैठे हैं। सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु की मिथुन, धनु राशि है वो पंचम में आ जाती है। गुरु पंचमेश बन जाते हैं सिंह राशि के जातकों के लिए तो निश्चित तौर पर यह गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए अच्छा फल करने जा रहा है।

यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है। छठे भाव में,12वें भाव में है। गुरु राहु-केतु एक्सिस में है, शनि मंगल के साथ है। गुरु सूर्य का साथ आकर अस्त बैठे हैं तो आपको निश्चित तौर पर गुरु की रेमेडीज कुछ जरूर करनी चाहिए। 

उपाय- गुरु ज्ञान के कारक हैं। किसी बच्चे की हेल्प कर दीजिए किसी भी तरह की स्टडी में। 

गुरु को मजबूत करने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें। 

गुरु का सबसे बेहतर उपाय है फल का पेड़ लगाना। 

पेड़ होता बुध से आता है और गुरु फलदार पेड़ों के कारक है। यदि आप एक पौधा लगाते हैं। खासतौर पर जो धनु राशि के हैं या जो मीन राशि के हैं एक पौधा लगाते हैं और वह फलदार पौधा है। तो वह फलदार पौधा आपको फल तो देगा ही देगा, गुरु आपको अलग से फल देंगे। 

आप मंदिर में कोई पीली चीज का दान कर सकते हैं। आप पीली दाल या पीले प्रसाद का भी दान कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि थोड़ा सा ज्यादा डिस्टर्ब कर रहे हैं ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहनें। 

गुरु को सही करने के लिए पुखराज पहनें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गुरु आठवें बारहवें भाव में न हो। 

यदि गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं।

नरेश कुमार
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