Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Nov, 2025 02:24 PM

Kaal Bhairav Jayanti: अगहन कृष्ण अष्टमी के पावन अवसर पर आज उज्जैन में भगवान कालभैरव का जन्मोत्सव बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही भक्त विभिन्न भैरव मंदिरों में दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। मुख्य रूप से कालभैरव और आताल-पाताल...
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Kaal Bhairav Jayanti: अगहन कृष्ण अष्टमी के पावन अवसर पर आज उज्जैन में भगवान कालभैरव का जन्मोत्सव बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही भक्त विभिन्न भैरव मंदिरों में दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। मुख्य रूप से कालभैरव और आताल-पाताल भैरव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। इन दोनों मंदिरों में मध्यरात्रि 12 बजे भगवान कालभैरव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
नगर के अष्ट महाभैरव मंदिरों में भी उत्सव की छटा दिखाई दे रही है। मंदिरों को फूलों और विद्युत सजावट से सजाया गया है। गुरुवार को भगवान कालभैरव और आताल-पाताल भैरव की सवारी निकाली जाएगी, जिसमें नगरवासी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
मंदिर व्यवस्थाओं के अनुसार:
कालभैरव मंदिर के पुजारी पं. ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि अगहन कृष्ण अष्टमी को भगवान कालभैरव के प्रकट होने का दिन माना जाता है। इसीलिए मध्यरात्रि में विशेष पूजन और जन्मोत्सव मनाया जाता है। बुधवार को सुबह से शाम तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। रात 9:30 बजे मंदिर के पट बंद कर भगवान का अभिषेक और राजसी श्रृंगार किया जाएगा। ठीक 12 बजे मंदिर के पट फिर खुलेंगे, इसके बाद महाआरती और विशेष पूजन होगा। रात 1:30 बजे तक जन्म दर्शन और भंडारे का आयोजन रहेगा, जिसमें भक्त प्रसादी ग्रहण कर सकेंगे।
आताल-पाताल भैरव मंदिर में तीन दिवसीय उत्सव की शुरुआत:
सिंहपुरी स्थित श्री आताल-पाताल भैरव मंदिर में बुधवार से तीन दिन का महोत्सव आरंभ हुआ। पं. आदर्श जोशी और पं. रूपम जोशी के अनुसार, बुधवार सुबह महाभैरव का अभिषेक और पूजन किया गया, जबकि दिन में विशेष श्रृंगार हुआ। मध्यरात्रि को महाआरती और प्रसाद वितरण होगा। गुरुवार को भगवान आताल-पाताल भैरव नगर भ्रमण पर निकलेंगे। शाम 6 बजे बैंड और ढोल की गूंज के बीच सवारी निकाली जाएगी। शुक्रवार को शाम 7 बजे बटुक एवं कन्या भोज का आयोजन होगा। इन तीन दिनों के दौरान बड़ी संख्या में भक्त दर्शन और पूजन के लिए मंदिर पहुंचेंगे।