Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Mar, 2020 12:42 PM
हनुमान जी अत्यंत बुद्धिमान, ताकतवर और विद्यावान हैं। तभी तो वे महावीर कहलाते हैं, उनके पास असीमित शक्तियां हैं। हनुमान श्रीराम से प्रेम करते थे इसलिए उन्हें राम भक्त कहा जाता है। श्रीराम को
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हनुमान जी अत्यंत बुद्धिमान, ताकतवर और विद्यावान हैं। तभी तो वे महावीर कहलाते हैं, उनके पास असीमित शक्तियां हैं। हनुमान श्रीराम से प्रेम करते थे इसलिए उन्हें राम भक्त कहा जाता है। श्रीराम को वे अपना स्वामी और स्वयं को उनका सेवक मानते थे। देवी सीता उन्हें अपना पुत्र मानती थी। हनुमान जी का संपूर्ण जीवन सीताराम में ही रमा हुआ था। सीताराम उनके रोम-रोम में बसते थे।
कहते हैं एक बार उन्होंने अपना सीना चीर कर दिखाया तो उसमें सिर्फ़ सीताराम ही दिखाई दिए। श्रीराम भी उनसे उतना ही प्रेम करते थे। माना जाता है की संसार में जहां कहीं भी सीताराम का नाम सिमरन किया जाता है, आज भी वहां हनुमान जी किसी न किसी रुप में आ जाते हैं। ऐसा है श्रीराम और हनुमान जी का प्यार। जो अजर-अमर है।
भगवान राम का नाम लेने मात्र से सभी समस्याओं का निदान संभव है लेकिन देवी सीता के अभाव में राम अधूरे हैं। सीताराम बोलने से वो पूर्ण होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए केवल दो शब्द बोलें जय सीताराम। जब भी हनुमान जी के मंदिर अथवा चित्र के दर्शन हों उन्हें सच्चे मन से जय सीताराम कहकर अभिवादन करें। इन दो शब्दों के जाप उपरांत आपको अन्य किसी पूजा-पाठ की अवश्यकता नहीं रहेगी।
मनुष्य की इच्छाएं अनंत होती हैं। संसार की ऐसी कोई कामना नहीं जिसे हनुमान जी पूरी नहीं करते। हनुमान जी को श्री सीताराम से प्रेम करने वाले बहुत प्यारे लगते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए दो शब्द का जाप जय सीताराम बहुत ही सरल व सहज माध्यम है, उनसे अपनी इच्छाएं पूरी करवाने का।
मंगलवार या शनिवार के दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से सीताराम का स्मरण व पूजा-पाठ हनुमान मंदिर में जाकर उनके स्वरूप के सामने करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं हनुमान जी अवश्य पूरी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि सीताराम का नाम लेने मात्र से सभी समस्याओं का निदान संभव है। तो जब भी हनुमान जी के दर्शन करें तो उन्हें जय सीताराम कहना न भूलें।