Margashirsha Amavasya 2025: अगर दिखें ये लक्षण तो समझें पितृदोष का संकेत, अमावस्या पर जरूर करें ये उपाय

Edited By Updated: 14 Nov, 2025 09:56 AM

margashirsha amavasya 2025

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। यह तिथि विशेष रूप से पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष के निवारण के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। मार्गशीर्ष माह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, इसलिए इस अमावस्या पर...

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Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। यह तिथि विशेष रूप से पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष के निवारण के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। मार्गशीर्ष माह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, इसलिए इस अमावस्या पर किए गए दान, तर्पण और श्राद्ध का फल कई गुना बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि, पितृ दोष के लक्षणों और पितरों को प्रसन्न करने वाले उपायों के बारे में। 

पितृ दोष के लक्षण
विवाह के बाद लंबे समय तक संतान का न होना या संतान होने पर उसका अस्वस्थ रहना। परिवार के सदस्यों के बीच लगातार झगड़े होना, शांति और प्रेम की कमी होना।

घर में कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहना, दवाइयों का असर न होना या गंभीर, लाइलाज बीमारी का होना।

लगातार आर्थिक तंगी बने रहना, व्यापार में बार-बार नुकसान होना, या धन का आते ही व्यर्थ के कामों में खर्च हो जाना।

योग्य होते हुए भी विवाह का न हो पाना या वैवाहिक जीवन का सफल न हो पाना।

कोई भी शुभ कार्य जैसे नया घर, वाहन खरीदना या नौकरी का प्रयास बार-बार असफल होना। बार-बार सपनों में मृत पूर्वजों का दुखी या परेशान दिखना, या सांपों का दिखना।

पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

इस दिन किसी पवित्र नदी या कम से कम घर पर ही नदी के जल को पानी में मिलाकर स्नान करें। शुद्ध होकर जल, तिल और कुश से अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करें। यह क्रिया ब्राह्मण की सहायता से या स्वयं भी की जा सकती है।

पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। अमावस्या के दिन सुबह पीपल वृक्ष को जल अर्पित करें और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाएं। सात बार पीपल की परिक्रमा करते हुए पितरों से भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।

अन्न और वस्त्र का दान
किसी योग्य और सात्विक ब्राह्मण को घर बुलाकर श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं। भोजन में खीर, पूड़ी और उनका मनपसंद व्यंजन अवश्य शामिल करें। इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना या वस्त्र, तिल, गुड़ आदि का दान करना बहुत पुण्यदायी होता है।

छत पर भोजन
भोजन का एक छोटा हिस्सा कौओं के लिए घर की छत पर या एकांत स्थान पर रखें। कौओं को यमराज का दूत और पितरों का रूप माना जाता है।

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